सूरत

गोपालपुरा में पैंथर पिंजरे में कैद, सरिस्का पहुंचाया

अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना के गोपालपुरा गांव में बुधवार तड़के एक पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। बादमें ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पिंजरे में पैंथर को सरिस्का में बने एनक्लोजर में पहुंचाया गया।

सूरतMar 16, 2017 / 01:09 am

Shailesh pandey

अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना के गोपालपुरा गांव में बुधवार तड़के एक पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। बादमें ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पिंजरे में पैंथर को सरिस्का में बने एनक्लोजर में पहुंचाया गया। 
सरिस्का बाघ परियोजना के डीएफओ एम बालाजी करी ने बताया कि गोपालपुरा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से पैंथर का मूवमेंट होने की सूचना मिल रही थी। ग्रामीणों की मांग पर गोपालपुरा के जंगल में पिंजरा रखवाया गया। 
पैंथर बुधवार सुबह पिंजरे में कैद हो गया। उन्होंने बताया कि पैंथर वयस्क है। उसने बीतीरात को गोपालपुरा में तीन बकरियोंं पर हमला किया था। इससे एकदिन पूर्व वह गांव के एक घर में घुसा तो ग्रामीणों ने उसे हल्ला कर भगा दिया। 
पैंथर के पिंजरे में कैद होने की सूचना मिलने पर ग्रामीण एकत्र हो गए और क्षेत्र में पैंथर की आवाजाही पर आक्रोश जताने लगे। लोगों का गुस्सा बढ़ता देख वनकर्मियों ने निजी वाहन मे ंपिंजरे को रखवाने का प्रयास किया,लेकिन ग्रामीण हमले पर उतारू हो गए। 
ग्रामीणो को समझाइश कर पिंजरे में कैद पैंथर को अजबगढ़ रेंज लाया गया। फिलहाल पैंथर पिंजरे में कैद है और एनक्लोजर में है। पैंथरको छोडऩे के बारे में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से मार्गदर्शन मांगा गया है। डीएफओ ने बताया कि पैंथर ने पूर्व में किसी प्रकार की जनहानि नहीं की है। इसलिए जयपुर चिडिय़ाघर में छोडऩे की जरूरत नहीं है। फिर भी उच्च अधिकारियों के आदेश अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 
उधर,ग्रामीणों में चर्चा है कि सिलीबावड़ी क्षेत्र में दो पैंथरों के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र से पिंजरे हटा लिए गए थे,लेकिन सरिस्का क्षेत्र में यह पिंजरा लगा रह गया। ग्रामीण इस पिंजरे में मृत पशु व अन्य चीजे डाल देते थे।
 बीती रात पैंथर के बकरियों पर हमला करने और ग्रामीणों द्वारा भगा देने के कारण वह कुछ खाने की तलाश में पिंजरे में चला गया और कैद हो गया। 

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