सरथाणा में 24 मई को हुए तक्षशिला अग्निकांड को लेकर पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर मनपा अधिकारी पराग मुंशी को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में है। मुंशी ने पहले सेशन और बाद में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों जगह याचिका नामंजूर कर दी गई थी। इसके बाद मुंशी ने उच्चतम न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान मृतकों के अभिभावकों ने कोर्ट के समक्ष हलफनामा पेश कर याचिका का विरोध किया। अधिवक्ता पूर्विश मलाकन ने दलीलें पेश कीं। अंतिम सुनवाई के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका नामंजूर कर दी।
तीन अभियुक्तों की जमानत रद्द करने की मांग
तक्षशिला अग्निकांड मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने दमकल अधिकारी एस.के.आचार्य, कीर्ति मोढ़ और बिजली कंपनी के अभियंता दीपक नायक को सशर्त जमानत पर रिहा किया है। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को अग्निकांड के मृतकों के परिजनों की ओर से महेश वेकरिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तीनों की जमानत रद्द करने की मांग की।