मुफ्त पार्किंग और एक महीने के ट्रायल की अवधि 20 फरवरी की रात पूरी हो गई। गुरुवार से पार्किंग पॉलिसी पर निशुल्क पार्किंग की सुविधा बंद हो जाएगी और लोगों को पार्किंग शुल्क देना होगा। व्यवस्था पर अमल से पहले बुधवार को महापौर डॉ. जगदीश पटेल, मनपा आयुक्त एम. थेन्नारसन और स्थाई समिति प्रमुख अनिल गोपलाणी के बीच हुई बैठक में फ्री पार्किंग की सहूलियत को आगे भी जारी रखने पर सहमति बनी। इस व्यवस्था में संशोधन करते हुए तय हुआ कि शुरुआत के आधा घंटे तक लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके बाद मनपा की तय दरों पर लोगों को पार्किंग शुल्क चुकाना होगा।
मनपा प्रशासन ने पार्किंग पॉलिसी के तहत ऑन साइट पार्किंग के लिए सभी जोन से एक से तीन रास्तों को चिन्हित किया है। आठ जोन के 19 रास्तों पर पार्किंग पॉलिसी पर अमल किया जाएगा। दुपहिया वाहनों के लिए दस रुपए से 40 रुपए तक का चार्ज वसूला जाएगा। इसके अलावा कार चालकों को 25 से 80 रुपए तक, तिपहिया वाहनों को 20 से 60 रुपए तक, हल्के कॉमर्शियल वाहनों को 35 से 110 रुपए तक और भारी कॉमर्शियल वाहनों को वाहन पार्किंग के बढ़ते समय के अनुसार 60 से 250 रुपए तक का पार्किंग शुल्क देना होगा।
पार्किंग पॉलिसी पर हुए निर्णय की जानकारी देते हुए महापौर ने कहा कि ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए पार्किंग पॉलिसी पर शुरुआतभर है। जैसे-जैसे मुश्किलें आएंगी और लोगों की शिकायत सामने आएगी, पॉलिसी में बदलाव होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी नीति अंतिम नहीं होती। बाद में जैसे-जैसे जरूरत और दिक्कतें सामने आएंगी, उनके मुताबिक व्यवस्था में संशोधन किया जाएगा।
फिलहाल मार्शल देखेंगे व्यवस्था पार्किंग पॉलिसी के तहत वाहनों से पार्किंग शुल्क की वसूली और जुर्माने का काम एजेंसी को सौंपा जाना है। अभी एजेंसी तय नहीं हुई है, इसलिए पार्किंग दर की वसूली के लिए मनपा को अपनी टीम उतारनी होगी। महापौर ने बताया कि जब तक एजेंसी तय नहीं होती, यह जिम्मेदारी मनपा के मार्शल उठाएंगे। नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को टो करने के साथ ही ऑफ स्ट्रीट पार्किंग के लिए मनपा को शहरभर में जगह-जगह खुले प्लाट्स की जरूरत होगी। महापौर ने कहा कि सर्वे कराकर शहर में ऐसे खुले प्लाट्स चिन्हित किए जाने चाहिए, जहां वाहनों को ऑफ स्ट्रीट पार्क किया जा सके। गौरतलब है कि पार्किंग पॉलिसी पर अमल से पहले मनपा आयुक्त ने भी मनपा अधिकारियों को खुले प्लाट्स चिन्हित करने की हिदायत दी थी। एक महीने बाद भी खुले प्लाट्स की तलाश पूरी नहीं हो पाई है।