यह काम करना था साझेदार कम्पनी को
यूनिवर्सल फूड्स एंड इनोवेशन कंपनी को डांग के किसानों के लिए खाद व कृषि चीजों का उत्पादन, ट्रैडिंग, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, तकनीक उपलब्ध कराने के साथ आयात-निर्यात को बढ़ावा देने पर काम करना था। लेकिन इस कंपनी के गठन के दस महीने बाद भी एक रुपए का काम नहीं हुआ। उल्टे कृषि विकास सेल के संचालक अंकित मेहता, भावेश्री दावड़ा और कृणाल सोलंकी के गत 28 जून को खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया।
कोर्ट के समक्ष रखे थे दस्तावेज
जिला कलक्टर की पुत्री और आरोपियों के बीच हुई सांठ-गांठ का ब्योरा बचाव पक्ष के वकील ने डांग कोर्ट के समक्ष रखा था। आरोपी भावेश्री को रिमांड पर लेने के दौरान हुई सुनवाई में इन तथ्यों के सामने आने के बाद सब चौंक गए थे। आपको बता दें कि भावेश्री ने गिरफ्तार होने के बाद सार्वजनिक रूप से जिला कलक्टर और उनके परिवार के सदस्यों पर ‘उपकृत’ करने के गंभीर आरोप लगाए थे, जिनको कलक्टर बीके कुमार ने सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि आरोपियों के साथ कम्पनी में कलक्टर पुत्री की साझेदारी के तथ्य सामने आने के बाद अब कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कृषि विकास सेल की आड़ में हुए सारे काम
सीएसआर फंड को खर्च करने के लिए बनाई गई डांग कृषि विकास सेल की आड़ में ही आरोपियों ने अपने सारे काम साधे। किसानों के हित में काम तो कुछ नहीं हुए अलबत्ता आरोपी अंकित व भावेश्री ने अधिकारियों पर प्रभाव बनाकर अपने काम करवा लिए। आरोपियों ने इंडो टेक कंपनी के नाम पर डांग जिले में करीब 100 होर्डिंग्स लगवाए। इन होर्डिंग्स पर विज्ञापन के लिए माहिती विभाग से टेंडर के विज्ञापन प्रकाशित करवाए।
नवसारी के बैंक में खुलवाया संयुक्त खाता
यूनिवर्सल फूड्स एंड इनोवेशन कंपनी के साझेदार अंकित और अवनी ने संयुक्त बैंक खाता नवसारी स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में खुलवाया। खाता सुचारू रहे इसके लिए पांच हजार रुपए की राशि जमा करवाई गई। इसी बैंक में डांग कृषि विकास सेल के संचालक और खेतीबाड़ी अधिकारी ने भी संयुक्त बैंक खाता खुलवाया था।