scriptPATRIKA EMPECT : VNSGU : आखिर द्वितीय वर्ष बीए हिन्दी का संशोधित पाठ्यक्रम जारी | PATRIKA EMPECT :VNSGU : Revised course of 2nd year BA Hindi is publish | Patrika News

PATRIKA EMPECT : VNSGU : आखिर द्वितीय वर्ष बीए हिन्दी का संशोधित पाठ्यक्रम जारी

locationसूरतPublished: Aug 29, 2018 08:58:48 pm

– वीएनएसजीयू ने सभी महाविद्यालयों को भेजा, नए प्रपोजल पर आट्र्स संकाय डीन के हस्ताक्षर

patrika

PATRIKA EMPECT : VNSGU : आखिर द्वितीय वर्ष बीए हिन्दी का संशोधित पाठ्यक्रम जारी

सूरत.

आखिरकार वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के द्वितीय वर्ष बीए हिन्दी का संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। आट्र्स संकाय के सदस्यों को हिन्दी पाठ्यक्रम की रूपरेखा में गलतियां होने का पता चला तो उन्होंने उसमें सुधार किया था, लेकिन आट्र्स संकाय के डीन ने संशोधित पाठ्यक्रम को रोक रखा था। गलतियों की भरमार वाले पाठ्यक्रम का खामियाजा विद्यार्थियों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा था। राजस्थान पत्रिका में संकाय के डीन की इस लापरवाही की खबर को प्रकाशित किए जाने के बाद डीन ने संशोधित पाठ्यक्रम को हस्ताक्षर कर जारी कर दिया।
विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले सभी संकायों की बैठक होती है। डीन की अध्यक्षता में सभी संकायों के सदस्य सालभर का पाठ्यक्रम तैयार कर जारी करते हैं। द्वितीय वर्ष बीए हिन्दी सेमेस्टर-3 के पाठ्यक्रम में गलतियों की भरमार थी। किताबों के लेखकों के नाम तथा विषय की संदर्भ पुस्तकों के लेखकों के नाम गलत छपे थे। कई कविताओं के शीर्षक गलत थे तो कई प्रश्नों के सामने किताबों का नाम भी गलत था। गलतियों का पता लगते ही संकाय के सदस्यों ने इसमें सुधार किया और जारी करने के लिए संकाय के डीन को प्रस्ताव भेजा। बार-बार गुजारिश करने पर भी डीन संशोधित प्रस्ताव जारी नहीं कर रहे थे। आट्र्स संकाय की बोर्ड चेयरमैन मधु वसावा ने बताया था कि उन्होंने संशोधित पाठ्यक्रम डीन को भेज दिया है। राजस्थान पत्रिका ने आट्र्स संकाय की डीन हेमाली देसाई की इस लापरवाही की खबर प्रकाशित की तो डीन हरकत में आईं। संशोधित पाठ्यक्रम जारी करने के प्रयास शुरू कर दिए गए। फिर गलतियां जारी न हो जाएं, इसकी बारीकी से जांच की गई। संतुष्ट होने के बाद संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया।

विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को राहत
प्राध्यापकों ने बताया कि पाठ्यक्रम में गलतियों के कारण स्वयंपाठी विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही थी। कॉलेजों में तो विद्यार्थी शिक्षकों की सहायता से गलतियों को समझकर सुधार लेते थे, लेकिन स्वयंपाठी छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी। संशोधित पाठ्यक्रम जारी होने पर सभी को राहत मिली है। सभी हिन्दी महाविद्यालयों को संशोधित पाठ्यक्रम सौंप दिया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो