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पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट – सूरत स्टेशन को स्वच्छता सर्वे में बाजी मारने के लिए बहना होगा और पसीना

locationसूरतPublished: Aug 22, 2019 09:45:14 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

ट्रैक पर जगह-जगह गंदगी और मच्छरों की ब्रीडिंग, स्टॉल के बाहर रखीं डस्टबीन के ढक्कन हैं गायब

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट - सूरत स्टेशन को स्वच्छता सर्वे में बाजी मारने के लिए बहना होगा और पसीना

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट – सूरत स्टेशन को स्वच्छता सर्वे में बाजी मारने के लिए बहना होगा और पसीना

संजीव सिंह @ सूरत.

क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के स्वच्छता सर्वे में अव्वल आने के लिए सूरत रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूरत स्टेशन 2016 के सर्वे में अव्वल रहा था, लेकिन 2018 में 24वें नंबर पर लुढक़ गया था। राजस्थान पत्रिका ने सोमवार को स्टेशन परिसर का जायजा लिया। सैलून साइड के रेलवे ट्रेक पर मच्छरों की ब्रीडिंग मिली तो स्टॉलों के बाहर रखे डस्टबीन बगैर ढक्कन के दिखाई दिए।

रेलवे ने वर्ष 2016 में पहली बार इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) से ए1 तथा ए श्रेणी के 407 स्टेशनों पर स्वच्छता सर्वे करवाया था। यात्रियों के फीडबैक को आधार बनाकर स्टेशनों की रैकिंग की गई। पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में सूरत स्टेशन को देश में पहला स्थान मिला था, लेकिन यह रैकिंग अगले साल 27वें नंबर पर लुढक़ गई। वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वे में सूरत स्टेशन 24वें स्थान पर रहा था। इस साल अगस्त में स्वच्छता सर्वे होने की संभावनाओं को देखते हुए सूरत स्टेशन ने रैकिंग में सुधार के लिए पहले से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
स्थानीय रेलवे प्रशासन ने सभी स्टॉलों पर सफाई अभियान चलाया है। स्वच्छता सर्वे में स्टेशन परिसर, प्लेटफॉर्म पर साफ-सफाई, पे एंड यूज की सफाई तथा व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यात्रियों के लिए कचरा फेंकने के लिए डस्टबीन तथा जागरुकता बोर्ड की व्यवस्था पर भी फोकस किया जाता है। राजस्थान पत्रिका ने बुधवार को स्टेशन परिसर में प्लेटफॉर्म, रेलवे ट्रैक, प्याऊ तथा स्टॉलों का निरीक्षण किया।
कई जगह गंदगी दिखाई दी। प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सैलून साइड के ट्रैक पर मच्छरों की ब्रीडिंग और गंदा पानी जमा दिखाई दिया। ट्रैक पर जगह-जगह गंदगी और कचरा भी मिला। स्टेशन मैनेजर ऑफिस-टीसी ऑफिस के सामने ट्रैक साफ-सुथरा किया मिला, लेकिन स्टॉल के बाहर रखे डस्टबीन खुले हुए और गंदगी से भरे मिले। ग्राउंड फ्लोर पर सब-वे जाने वाले नजदीक के स्टॉल के बाहर यात्रियों की भीड़ सबसे अधिक रहती है। इस स्टॉल के बाहर रखा डस्टबीन गंदगी से भरा हुआ था और उसके ऊपर ढक्कन भी नहीं था।
सूत्रों ने बताया कि इस बार स्वच्छता सर्वे में थोड़ी देर हो गई है।
हर बार 15 अगस्त के आसपास सर्वे रिपोर्ट जारी हो जाती थी, लेकिन इस बार स्वच्छता सर्वे की टीम वलसाड तक सर्वे करते हुए पहुंचने की जानकारी मिली है। सूरत में 19 अगस्त को स्वच्छता सर्वे होना था, लेकिन यहां टीम कब आएगी, किसी को कुछ पता नहीं है। सूरत स्टेशन निदेशक सी.आर. गरूड़ा ने बताया कि आधुनिक साधनों से स्टेशन की सफाई होती है। प्रभाकर इंटरप्राइजेज को सफाई का ठेका दिया गया है। उसके 115 कर्मचारी चौबीस घंटे अलग-अलग शिफ्ट में कार्य करते हैं। सुबह की शिफ्ट में 57, दोपहर 37 और रात की पारी में 21 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
इन बातों पर रहता है फोकस

क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सर्वे में मुख्य रूप से स्टेशन परिसर के पार्किंग एरिया, मुख्य प्रवेश द्वार, प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज तथा वेटिंग रूम की साफ-सफाई पर फोकस होता है। डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के तहत काउंसिल के लोग खुद निरीक्षण करते हैं। पार्किंग एरिया, ओपन स्पेस तथा शौचालय की व्यवस्था की भी जांच होती है। मुख्य प्रवेश द्वार तथा टिकट खिडक़ी के पास शौचालय की सुविधा, प्लेटफॉर्म पर बैठने की व्यवस्था, वेंडर एरिया, प्याऊ, प्रतीक्षालय, रेलवे ट्रैक और फुट ओवरब्रिज की सफाई देखी जाती है।
दक्षिण गुजरात में स्टेशनों की रैकिंग

रेलवे के सोलह जोन में से चार जोन ऐसे हैं, जिनकी स्वच्छता रैंकिंग में कोई सुधार नहीं होना दर्ज किया गया था। पहले की रिपोर्ट में पश्चिम रेलवे को भी एम्प्रूवमेंट रैंकिंग में शून्य मिल चुका है। इसीलिए इस बार पहले से तैयारियां शुरू कर स्टेशन के अधिकारी सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने में जुटे हैं। सर्वे में पिछले साल सूरत 24वें, अंकलेश्वर 28वें, भरुच 67वें, वापी 192वें, उधना 275वें, नवसारी 279वें और वलसाड स्टेशन 257वें स्थान पर रहा था।

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