तालाब भी सूख गए
वापी क्षेत्र के तालाब भी सूख गए हैं। हालांकि जनसेवा तालाब को सूखने के बाद नहर से पानी लाकर भरा गया, लेकिन मानसून में लबालब रहने वाले चला, डुंगरा, सुलपड़ के तालाब सूख गए हंै। अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी विकट है।
मंगवाना पड़ रहा टैंकर
बीते कुछ वर्ष की तरह इस बार भी हमारे विस्तार की कई इमारतों में की गई बोरिंग ने पानी छोड़ दिया है। पानी के लिए नई बोरिंग करवाई। लेकिन दो सौ फीट पर भी पानी नहीं मिला। ऐसे में कई बिल्डिगों में रुपए खर्च कर रोजाना करीब दस हजार लीटर पानी टैेंकर से मंगवाया जा रहा है।
मुकेश शाह, निवासी मंछाराम अपार्टमेन्ट
बीते कुछ वर्ष की तरह इस बार भी हमारे विस्तार की कई इमारतों में की गई बोरिंग ने पानी छोड़ दिया है। पानी के लिए नई बोरिंग करवाई। लेकिन दो सौ फीट पर भी पानी नहीं मिला। ऐसे में कई बिल्डिगों में रुपए खर्च कर रोजाना करीब दस हजार लीटर पानी टैेंकर से मंगवाया जा रहा है।
मुकेश शाह, निवासी मंछाराम अपार्टमेन्ट
जल संचय योजना पर ध्यान दें लोग
भूगर्भ जल का नीचे जाना प्रकृति पर निर्भर है। बोरिंग में पानी बन रहे इसके लिए लोगों को जलसंचय योजना पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी नियम से अब नई बिल्डिंगों के प्लान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है। उसके बाद ही उसे मंजूरी करते हैं।
संजय झा, हाइड्रोलिक इंजीनियर
भूगर्भ जल का नीचे जाना प्रकृति पर निर्भर है। बोरिंग में पानी बन रहे इसके लिए लोगों को जलसंचय योजना पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी नियम से अब नई बिल्डिंगों के प्लान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है। उसके बाद ही उसे मंजूरी करते हैं।
संजय झा, हाइड्रोलिक इंजीनियर