गणदेवी में इस वर्ष मौसम के असर से चीकू की फसल को हुए नुकसान से सहकारी क्षेत्र के अग्रणी भी चिंतित हैं।
गत वर्ष एक लाख टन चीकू उत्पादन हुआ था। इस वर्ष 20 से 50 प्रतिशत इसमें कमी की आशंका है।
चीकू के छोटे रहने से किसानों को दाम भी कम मिलेगा। चीकू को पेड़ से उतारने के लिए पहले से ही श्रमिकों की कमी है।