विघ्नविनायक की भाव-भक्ति के माहौल में स्थापना की गई।
सर्वाधिक प्रतिमाओं की स्थापना दोपहर अभिजित मुहूर्त के दौरान की गई।
पंडालों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
सजे पंडालों में भक्त गणपति प्रतिमाओं को लेकर पहुंचे, सामूहिक आरती की गई।
पंडितों ने यजमान और आयोजकों से पृथ्वी पूजन, वरुण पूजन, गणपति पूजन, नवग्रह, षोड़षमात्रिका पूजन के अलावा अन्य देवी-देवताओं की पूजा करवाई।
शहर के प्रमुख आयोजक मंडलों की ओर से स्थापित गणपति प्रतिमाओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का दौर शुरू हो गया।