भरुच के कलक्टर रवि कुमार अरोड़ा ने बताया कि पुराने शहर की प्राचीन इमारतों के संरक्षण के लिए भरुच हेरिटेज फोरम के गठन का फैसला किया गया है।
प्रशासन के पास शहर का वर्ष 1850 का नक्शा है, जो उस दौर के महत्वपूर्ण पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थलों को दर्शाता है।
इसके आधार पर विरासत प्रबंधन योजना तैयार की जा रही है। यह योजना करीब डेढ़ हजार पन्नों का दस्तावेज होगी।
इसे तैयार करने में अहमदाबाद विश्वविद्यालय के हेरिटेज मैनेजमेंट सेंटर के संस्थापक निदेशक देवाशीष नायक की मदद ली जा रही है।
प्रशासन ने पुराने किले के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया है।
जुलाई तक विरासत प्रबंधन योजना तैयार हो जाने के बाद आर्थिक सहयोग के लिए राज्य सरकार से सम्पर्क किया जाएगा।
फिलहाल भरुच की आठ कंपनियों ने 75 लाख रुपए दान किए हैं। यह राशि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर खर्च की जाएगी।
पुराने शहर की प्राचीन इमारतों के साथ भृगु ऋषि मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर, रतन तालाब आदि का भी विकास किया जाएगा।
प्रमुख प्राचीन इमारतों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी का पुश्तैनी मकान शामिल है।
फिरोज गांधी भरुच के एक पारसी परिवार के सदस्य थे। उनका पुश्तैनी मकान भरुच के कोटपारसीवड इलाके में है।