सुबह करीब आठ बजे सर्किट हाउस में काम कर रहे मजदूरों ने देखा था। तेन्दुआ वहां पुष्पक सोसायटी में घुस गया था।
सूचना मिलने पर टीम के वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई। इस दौरान एनजीओ की टीम भी साथ में थी।
वहां से भागकर वह दामजी बिल्डिंग के पीछे झाडिय़ों में छिप गया।
यहां पर उसे पकडऩे की कोशिश की गई लेकिन तेन्दुआ एनजीओ के सदस्य शिवा नायका को घायल कर फरार हो गया।
यहां से तेन्दुआ दीवार फांद कर उसके पीछे पतरे के शेड में छिप गया। जिसमें पुराना सामान भरा गया था।
एनेस्थिसिया का इंजेक्शन एयर गन से लगाया गया। किसी तरह तेन्दुए को पिंजरे में कैद किया गया।