मीरा के प्रेम से सबको मोहित करने के लिए आरती ने नाटक को भारतीय संस्कृति तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसमें नृत्य, संगीत के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संस्कृति के रंग भी भरे।
गोल्डकोस्ट के होम ऑफ द आट्र्स ऑडिटोरियम में नाटक को रोचक बनाने के लिए टूडी-थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग से भी संवारा गया और दर्शकों को सिनेमा जैसा एहसास कराया गया। नाटक में इंडियन क्लासिकल के अलावा एरियल, जैस, पोल, पेपे, अफ्रीकन, बैले आदि ग्लोबल डांस, ऑपेरा म्यूजिक और सिंगिग को भी शामिल किया गया।
सभी कलाकार 15वीं शती की वेशभूषा, संगीत, नृत्य आदि के रंग में रंगे नजर आए।
ड्रामा के मंचन के बाद आरती पवन बजाज ने पत्रिका को बताया कि मीरा के आराध्यदेव श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम की कथा से ऑस्ट्रेलिया को रू-ब-रू कराने का उसका सपना इस रविवार को पूरा हो गया।
पति के सहयोग, माता-पिता के आशीर्वाद और ससुरालजनों के प्यार से मीरा के प्रेम से जन-जन को वाकिफ कराने में जो सफलता मिली, उससे दूसरे देशों तक ले जाने का सम्बल मिला है।