श्रद्धालु हरेकृष्ण महामंत्र की धुन के साथ भगवान की प्रतिमा मंदिर प्रांगण से तापी नदी के किनारे ले गए और हरि बोल के जयकारों के साथ भगवान को नौका विहार कराया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। नृसिंह जयंती के उपलक्ष में तड़के साढ़े चार बजे मंगला दर्शन, श्रृंगार और नृसिंह प्राकट्य कथा के आयोजन के अलावा सुबह नौ बजे कीर्तन हुआ।