पूरे माह रोजा रखने के साथ मस्जिदों में तरावीह की अतिरिक्त बीस रकातें हाफिज-ए-कुरान द्वारा अदा की जाती हैं। रमजान के कारण शाम ढलते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है रात्रि ढाई-तीन बजे उठकर विशेष नमाज तहज्जुद अदा
पूरे माह रोजा रखने के साथ मस्जिदों में तरावीह की अतिरिक्त बीस रकातें हाफिज-ए-कुरान द्वारा अदा की जाती हैं। रमजान के कारण शाम ढलते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है रात्रि ढाई-तीन बजे उठकर विशेष नमाज तहज्जुद अदा