गणपति का विसर्जन करने से पहले नदी तटों पर आरती व पूजन किया गया
नदी तट पर कृत्रिम तालाब बनाया गया है, जहां छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
नाचते गाते श्रद्धालु विसर्जन स्थल तक गणपति बप्पा को लेकर गए।
दोपहर बाद से गणपति बप्पा की विसर्जन यात्रा शुरु हुई
गणपति का विसर्जन करने से पहले नदी तटों पर आरती व पूजन किया गया और उन्हें अगले साल फिर से आने का न्योता देकर पानी में प्रवाहित किया.
तीसरे दिन तापी, दमण गंगा नदी, मोराई के पास कोलक नदी, हरिया पार्क समेत अन्य स्थानों पर चार सौ से ज्यादा मूर्तियों का विसर्जन किया गया।