यश्वी और रिया ने बचपन से ही धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहीं दोनों बहनें पहले आचार्य कलापूर्ण सुरीश्वर महाराज के सानिध्य में रहीं।
मुमुक्षू बहनों की वर्षीदान शोभायात्रा निकाली गई। दीक्षा सम्पन्न होने के बाद मुमुक्षू यश्वी साध्वी जिनमायाश्री और मुमुक्षू रिया साध्वी जिनलियाश्री बन गई।