जानकारी के अनुसार पिंजरत गांव स्थित रॉयल विला फॉर्म हाउस में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करने का कारखाना चलाने वाले अडाजण एलपी सवाणी रोड़ जलाराम मंदिर के सामने रहने वाला मास्टर माइंड वौरा सूरत में भी नकली इंजेक्शन बेच रहा था। कौशल ने अडाजण परशुराम रेजिडेंसी सीएम रेजिडेंसी निवासी जयदेवसिंह झाला को नमक और ग्लूकोज के मिश्रण से तैयार किए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए दिए थे।
शनिवार को कौशव व उसके पार्टनर पुनीत के ठिकाने पर मोरबी पुलिस के साथ संयुक्त रूप से छापे मारी करने पर क्राइम ब्रांच ने जब कौशल से पूछताछ शुरू की तो उसके अडाजण के एजेन्ट के बारे में जानकारी सामने आई। इस पर क्राइम ब्रांच की एक टीम ने तुंरत सीएम रेजिडेंसी निवासी जयदेवसिंह के निवास पर छापा मारा। पुलिस को जयदेवसिंह के पास से आठ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया। पुलिस ने जयदेवसिंह को रविवार शाम अदालत में पेश कर दस दिन के रिमांड पर लिया है। उल्लेखनीय है कि
जयदेव ने पन्द्रह दिनों में 126 इंजेक्शन अलग अलग लोगों को बेचे गोल्ड लोन का काम करने वाले जयदेव ने पुलिस को बताया कि सालभर पूर्व गोल्ड लोन के काम के दौरान ही वह कौशल के संपर्क में आया था। उसके बाद दोनों में मित्रता हो गई थी। पन्द्रह-बीस दिन पूर्व बाजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी होने पर कौशल ने उसे बताया कि यदि वह कमीशन पर इंजेक्शन बेचे तो अच्छा खासा मुनाफा कमा सकता है। कौशल ने उसे 134 इंजेक्शन दिए थे। जिनमें से पन्द्रह दिनों के दौरान 126 उसने अलग अलग ग्राहकों को अलग अलग कीमत पर बेचे लेकिन अधिकतर 4500 रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचे थे।
जानलेवा हो सकता हैं यह नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन न्यू सिविल अस्पताल के डॉक्टर ओंकार चौधरी ने जैसा की बताया जा रहा हैं पिंजरत में बड़े पैमाने पर नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बना कर बेचने वाला गिरोह ग्लूकोज पाउडर व नमक शीशियों में पैक करता था। जो निश्चित रूप से कोरोना मरीज के लिए जानलेवा हो सकता है।
आमतौर पर कोरोना संक्रमण होने मरीज में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और उसका ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है। यदि कोरोना के टीट्रमेंट के दौरान यदि ऐसा नकली इंजेक्शन लगाया जाए तो समय पर सही दवा नहीं मिलने से जो खतरा होता है वह तो होगा ही। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल बढऩे जान का खतरा निश्चित रूप से बढ़ जाएगा।