गौरतलब है कि पांच महीने में बीआरटीएस रूट पर 180 से अधिक हादसे हुए हैं। इनमें कई लोगों की जान भी गई है। लगातार बढ़ते हादसों के बाद मनपा प्रशासन की ओर से सर्वे करवाया गया, जिसमें वराछा, उधना और कतारगाम बीआरटीएस रूट पर सबसे अधिक निजी वाहन दौडऩे का खुलासा हुआ। इसके बाद मनपा ने हादसों को रोकने के लिए कवायद शुरू की तो पुलिस विभाग की ओर से भी गुरुवार से वराछा बीआरटीएस रूट पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। मनपा के समक्ष होमगार्ड मुहैया करवाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
फिलहाल पुलिस जवानों को निजी वाहन चालकों को बीआरटीएस रूट पर रोकने का काम सौंपा गया है, लेकिन शुक्रवार को जब बीआरटीएस रूट का मुआयना किया गया तो पुलिसकर्मी की मौजूदगी में भी निजी वाहन बीआरटीएस रूट से गुजरते नजर आए।
जैन मुनि शांतिसागर की जमानत अर्जी नामंजूर
वड़ोदरा की युवती से दुष्कर्म के आरोप में न्यायिक हिरासत में कैद जैन मुनि शांतिसागर की नियमित जमानत याचिका शुक्रवार को सेशन कोर्ट ने नामंजूर कर दी।जैन मुनि शांतिसागर ने उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार फोरेंसिक जांच रिपोर्ट और पूरक चार्जशीट पेश होने के बाद जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान लोकअभियोजक की ओर से दलीलें पेश की गईं कि पहले और अब की हालत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अभियुक्त धर्मगुरु है, वह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकता है। अभियुक्त पर दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप है। उसे जमानत पर रिहा करना न्यायोचित नहीं होगा। बचाव पक्ष ने जमानत के समर्थन में दलीलें पेश कीं।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए याचिका नामंजूर कर दी। गौरतलब है कि जैन मुनि शांतिसागर के खिलाफ पिछले अक्टूबर में वड़ोदरा की युवती ने अठवा थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर मुनि को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में है।