दक्षिण गुजरात के आदिवासी विस्तारों मे कुछ समय से सक्रिय सतिपति संगठन भारतीय संविधान को नहीं मानने का दावा करता है। सतिपति संगठन का दावा है कि इसके सदस्य ही यहां के मूल निवासी हैं। आकाश हमारा, धरती हमारी के नारे के साथ संगठन के लोग कहीं भी अपना कब्जा जमा देते हैं। करीब एक महीना पहले संगठन के सदस्यों ने 14 एकड़ में फैले तालाब पर कब्जा कर लिया।
इसकी जानकारी होने पर डभलाई ग्राम पंचायत सरपंच व ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की। हालांकि इस दौरान संगठन द्वारा किसी तरह का विवाद न करने से प्रशासन ने भी कार्रवाई नहीं कीथी। मगर बाद में सतिपति संगठन के लोगों ने तालाब की जमीन पर खेती करना शुरु किया तो इसकी शिकायत फिर से सरपंच ने टीडीओ और कलक्टर से की। जिसके बाद सोमवार को तहसील विकास अधिकारी एनआर पटेल ने पुलिस उपाधीक्षक, चार पुलिस निरीक्षक, 20 पुलिस उपनिरीक्षक और 70 महिला व पुरुष कांस्टेबलों के काफिले के साथ गांव पहुंचकर जेसीबी की मदद से तालाब की खोदी गई जमीन को समतल कर दिया और पंचायत को कब्जा सौंप दिया। इस दौरान संगठन के लोग यहां नहीं थे जिससे किसी तरह का कोई टकराव नहीं हुआ।
पंचायत की शिकायत पर कार्रवाई सरकारी तालाब पर सतिपति के लोगों ने कब्जा कर लिया था। ग्राम पंचायत की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। स्टाफ नहीं होने से कार्रवाई में देरी हुई है।
एनआर पटेल, तहसील विकास अधिकारी, नवसारी
एनआर पटेल, तहसील विकास अधिकारी, नवसारी
किया था अवैध कब्जा सतिपति संगठन के लोगों ने जमीन हमारी, तालाब हमारा, सरकार हमारी के तर्ज पर तालाब पर कब्जा कर लिया था। इसे प्रशासन व पुलिस ने दूर कर दिया है।
बीएम परमार, पुलिस निरीक्षक, नवसारी ग्रामीण थाना
बीएम परमार, पुलिस निरीक्षक, नवसारी ग्रामीण थाना