राज्य सरकार 500 करोड़ रुपए खर्च करने की शर्त पर भरुच सिविल अस्पताल के प्रशासन को निजी संस्था को सौंप देने की हलचल तेज कर दी है। सिविल के निजीकरण का विरोध विभिन्न संस्थाओं और स्थानीय लोगों की ओर से किया जा रहा है। भरुच व नर्मदा जिले के गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों के लिए सिविल अस्पताल आशीर्वाद के समान है। सिविल अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ नहीं होने से मरीजों को दिकक्तों का सामना करना पड़ता है। मरीजों को या तो निजी अस्पताल अथवा वड़ोदरा के लिए रेफर कर दिया जाता है।
सिविल अस्पताल में कर्मचारियों की स्थिति
वर्ग मंजूर पद तैनात रिक्त पद स्थाई अस्थायी
१ १७ १२ ०५ ०८ ०९
२ २१ १५ ०६ १५ ०६
३ ११० ७६ ३४ ८३ २७
४ ६५ २५ ४० ५८ ०७
कुल २१३ १२८ ८५ १६४ ४९