scriptसादगी के साथ श्रावण मास की हुई पूर्णाहुति | Poornamahi of Shravan month with simplicity | Patrika News

सादगी के साथ श्रावण मास की हुई पूर्णाहुति

locationसूरतPublished: Aug 03, 2020 08:34:52 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

स्थानीय श्रद्धालुओं की ओर से जारी है श्रावण मास की शिव पूजा

सादगी के साथ श्रावण मास की हुई पूर्णाहुति

सादगी के साथ श्रावण मास की हुई पूर्णाहुति

सूरत. एक माह का पवित्र श्रावण मास सोमवार को रक्षाबंधन पर्व के साथ पूरा हो गया। इस अवसर पर शहर के शिवालयों में शिवभक्ति की धारा कोविड-19 की गाइडलाइन की वजह से बहती नहीं दिखी। हालांकि कम संख्या में श्रद्धालु सोशल डिस्टेंस में मास्क लगाकर शिवालय में जलाभिषेक के लिए पहुंचे। वहीं, गुजराती-मराठी पंचांग के मुताबिक अगले पंद्रह दिन तक स्थानीय श्रद्धालु श्रावण मास के निमित्त भगवान शिव की पूजा-आराधना करेंगे।
श्रावण कृष्ण प्रतिपदा से सूरत समेत दक्षिण गुजरात में जारी शिवभक्ति का दौर मास के अंतिम दिवस सोमवार तक चलता रहा। हालांकि इस बार शहर में कहीं भी बड़े धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन शिवालयों में नहीं किया गया वहीं, ज्यादातर बड़े मंदिर तो श्रावण मास की शुरुआत के पहले से ही बंद रखे गए। इनमें ओलपाड के निकट सिद्धनाथ महादेव मंदिर, बारडोली के निकट गलतेश्वर महादेव मंदिर, कतारगांव में कंतारेश्वर महादेव मंदिर आदि शामिल है। उत्तर भारतीयों के श्रावण मास की समाप्ति भले ही सोमवार को रक्षाबंधन पर्व के साथ हो गई लेकिन, शिवभक्ति का दौर शहर समेत दक्षिण गुजरात में अभी पंद्रह दिवस और दिखाई देगा। इसमें स्थानीय गुजराती लोगों की भक्ति भावना झलकेगी।

शिवमहिम्न स्त्रोत के पाठ सम्पन्न


कोरोना संक्रमण की वजह से श्रावण मास के उपलक्ष में बालासा भक्त मंडल की ओर से इस बार 15 साल से जारी शिवमह्मिन पाठ का सामूहिक आयोजन नहीं किया गया लेकिन, सांकेतिक तौर पर यह आयोजन पूरे मास चला। इस बारे में मंडल के जगदीश कोठारी ने बताया कि पंडित धनराज शास्त्री ने पूरे श्रावण मास में समस्त मंडल का संकल्प लेकर प्राचीन शिव मंदिर में शिवमहिम्न स्त्रोत, रुद्राष्टकम, शिव तांडव स्त्रोतम आदि के पाठ किए। वहीं, मंडल के कई सदस्यों ने भी घरों में ही नित्य शिवमहिम्न स्त्रोत के पाठ व अभिषेक किए और सोमवार को पूर्णिमा के मौके पर समापन किया।

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