देश के अलग-अलग हिस्सों में फिर से कोरोना बढ़ रहा है और इसे चौथी लहर के रूप में देखा जा रहा है। गुजरात में एक बार फिर से चार माह बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या 400 पार कर गई है। इसमें सबसे अधिक अहमदाबाद और दूसरे नम्बर पर सूरत जहां रोजाना 40-50 मरीज मिल रहे हैं। कोरोना बढऩे के साथ न्यू सिविल अस्पताल कोविड-19 अस्पताल में भी व्यवस्था बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया कि मेडिसिन, पल्मोनरी विभाग के डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा परिचारिका, सर्वन्ट, सिक्यूरिटी समेत अन्य स्टाफ नियुक्त किए गए हैं। शहर में कोरोना मरीजों में ज्यातादर घर पर ही इलाज लेकर स्वस्थ हो रहे है। हाल में न्यू सिविल अस्पताल में 5 मरीज भर्ती हैं। इसमें एक पल्मोनरी विभाग का रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल है। कोरोना केस बढऩे के साथ अस्पताल ने तैयारी शुरू कर दी है।
मनपा स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जून के पहले सप्ताह में एक हजार टेस्ट हो रहे थे, जबकि अब टेस्टिंग की संख्या 2200 है। अधिकारियों ने बताया कि टेस्टिंग बढऩे के साथ कोरोना संक्रमितों में भी वृद्धि हुई है। पॉजिटिविटी दर भी बढक़र करीब 2 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि अभी मास टेस्टिंग अभियान तो शुरू नहीं किया, लेकिन बुखार, सर्दी-खांसी समेत अन्य तकलीफ वाले लक्षण के मुताबिक आरटीपीसीआर और रैपिड एंटिजन टेस्ट करवाते हैं। इसमें अब प्रतिदिन 45-50 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या फिलहाल तो ना के बराबर है।
मास्क की अनिवार्यता को लेकर कोई गंभीर नहीं राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण बढऩे के बाद मास्क अनिवार्य कर दिया है, लेकिन सूरत में ज्यादातर लोग बिना मास्क के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में घूमते देखे जा सकते हैं। मनपा स्वास्थ्य विभाग ने मास्क अनिवार्य होने की बात कही है, लेकिन नियम की पालना तो शहरवासियों को ही करनी है। स्कूलों में भी बच्चों को मास्क पहनकर आने के निर्देश दिए जाना शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों ने जून में चौथी लहर की आशंका जताई थी। सूरत में कोरोना एक्टिवों केसों की संख्या भी बढक़र 250 को पार कर गई है। शहर में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और 50 से 100 पहुंचते देर नहीं लगेगी।
अस्पताल व दफ्तरों में भी मास्क की अनदेखी एक बार फिर मास्टर की अनिवार्यता के सरकारी आदेश के बावजूद ना केवल सूरत शहर, बल्कि जिला और राज्यभर में सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में भी कर्मचारी डॉक्टर मरीज और उनके परिजन मास्टर के प्रति लापरवाह दिखाई दे रहे हैं। यहां तक की रेलवे स्टेशन, मॉल, सब्जीमंडी सहित भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर भी अधिकांश लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं।
सूरत शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि दिनांक /टेस्टिंग /पॉजिटिव / पॉजिटिविटी दर 22 जून – 2256 -45 – 1.99 प्रतिशत 21 जून -2104 -37 -1.76 प्रतिशत
20 जून – 1911 -35 -1.83 प्रतिशत 19 जून – 1607 -32 -1.99 प्रतिशत 18 जून – 1871 -27 -1.44 प्रतिशत 17 जून – 1517 -22 -1.45 प्रतिशत 16 जून – 1357 – 20 -1.47 प्रतिशत
15 जून – 1350 -16 -1.19 प्रतिशत 14 जून -1301 -12 -0.92 प्रतिशत शहर में कोरोना फिर तेजी से बढ़ रहा है। न्यू सिविल की कोरोना ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 20 से 25 हो गई है। इसमें बुखार, सर्दी-खांसी, शरीर में दर्द और कमजोरी समेत अन्य लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कई बार लक्षण होने के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी मरीज को मास्क जरूर पहनना चाहिए। सर्दी- खांसी के मरीज मास्क पहनना शुरू कर देना चाहिए। हाल में कोविड केस बढऩे पर स्टेम सेल बिल्डिंग में इनडोर, ओपीडी, आइसीयू और वार्ड में डॉक्टर बढ़ा दिए गए हैं। एक्स-रे टेक्निशियन भी बढ़ाए हैं। हाल में 6 पॉजिटिव भर्ती हैं, जिसमें एक की हालत गंभीर है। उसका वेंटिलेटर पर उपचार किया जा रहा है।
– डॉ. पारूल वडगामा, प्रोफेसर और विगाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट फिजिशियन विभाग, न्यू सिविल, सूरत।