वागरा व दहेज में कई कंपनियां स्थापित होने के बाद भी इसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सीएसआर फंड के जरिए कंपनियों को गांवों के विकास व मूलभूत सुविधा प्रदान करने में रुचि दिखानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
जिले की वागरा तहसील का रहियाद गांव के लोग विकास से वंचित चल रहे हैं। पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रहियाद गांव की आबादी १५०० के करीब है, लेकिन भीषण गर्मी में लोगों को पानी के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। पेयजल के लिए ग्रामीणों को पैदल ही पांच किमी दूर जीएनएफसी कंपनी से पानी लाना पड़ रहा है। पीने के पानी को भरने के लिए आए दिन ग्रामीणों के बीच विवाद होता ही रहता है। एक ही नल से लोगों को पीने का पानी भरना पड़ रहा है जिससे आपस में विवाद होना आम हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कंपनियों को जमीन देने के बाद अब पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।
पेयजल तथा ओवरफ्लो गटर की समस्या से लोग परेशान भरुच शहर के विकास के लिए भरुच नगरपालिका स्वच्छता के पीछे करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं शहर के वार्ड संख्या-८ के निवासी ओवरफ्लो हो रही गटर, कचरा पेटियों व पीने के पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र में व्याप्त समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने स्थानीय सभासद का घेराव किया व तत्काल समस्या का समाधान की मांग की। शहर के वार्ड संख्या-८ में हरिजन वास के लोगों ने स्थानीय महिला सभासद द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार के कारण पहले से ही परेशान हैं। क्षेत्र में पेयजल समस्या के साथ पिछले कुछ दिनों से बह रहे गटर के दूषित पानी और कूड़े के ढेर की बात को लेकर लोगों में नाराजगी व्याप्त है। क्षेत्र के लोगों ने मंगलवार को महिला सभासद का घेराव किया और समस्या का समाधान की मांग की।