यह हम नहीं गुजरात सरकार के आंकड़े कह रहे हैं। गुजरात सरकार के आंकड़ों के मुताबिक विपरीत परिस्थितियों में भी गुजरात में जून महीने में बिजली की इंडस्ट्रियल खपत में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली है। ताजा आंकड़े जून महीने की 26 तारीख क हैं। बीते वर्ष जून महीने की 26 तारीख तक प्रदेश में बिजली की औद्योगिक खपत 204 एमयू थी। इस बार जबकि अप्रेल और मई महीने के लॉकडाउन ने पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर को ठप कर दिया था, अनलॉक 1.0 में बिजली की औद्योगिक खपत बढ़ा पाना बिजली कंपनियों के लिए आसान नहीं था। यह इसलिए भी और मुश्किल था कि अनलॉक 1.0 में मल्टीप्लेक्स और वाटर पार्क समेत कई दूसरे सेक्टरों को अनलॉक नहीं किया गया था। इसके बावजूद गुजरात में अनलॉक 1.0 के जून महीने में 26 तारीख तक दो सौ एमयू बिजली की औद्योगिक खपत हो चुकी थी। बीते वर्ष के मुकाबले यह 97.08 फीसदी है।
बिजली खपत के इस आंकड़े से साफ है कि भले श्रमिकों की समस्या रही हो या फिर कच्चे माल और दूसरी दिक्कतें, गुजरात के उद्योगों में उत्पादन तो हुआ है। गुजरात के उद्यमियों की यह पहल प्रदेश ही नहीं देश की जीडीपी पर भी असर डालेगी। जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान भी जरूरी उद्योगों में काम जारी रहा था। इसलिए अनलॉक 1.0 में उत्पादन को और गति मिल गई। साथ ही कई अन्य उद्योगों के शुरू होने से भी बिजली की औद्योगिक खपत का आंकड़ा बेहतर दिख रहा है।
प्रदेश विकास के रास्ते पर
अनलॉक 1.0 में बिजली की औद्योगिक खपत के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं। बीते वर्ष के मुकाबले इसी समय अंतराल में बिजली खपत महज तीन फीसदी गिरी है। यह भी तब जबकि लॉकडाउन की पाबंदियां कई सेक्टरों से पूरी तरह नहीं हटी थीं। भविष्य की तस्वीर और बेहतर होगी।
एमके दास, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, गुजरात सरकार