राज्य के निजी स्कूलों की फीस को लेकर पिछले कई सालों से विवाद चल रहा है। विवाद को शांत करने के लिए सरकार ने एफआरसी का गठन किया है। एफआरसी ही अब निजी स्कूलों की फीस तय करती है। वहीं, एफआरसी की ओर से तय की गई फीस को लेकर भी विरोध होता रहता है। इस बीच दीपावली वेकेशन के दौरान सूरत एफआरसी जोन ने सभी स्कूलों को 2020-21 की प्रोविजनल फीस के लिए आवेदन कर एफिडेविट जमा करने का आदेश दिया था। इस आदेश का सूरत निजी स्कूल संचालक मंडल ने विरोध किया।
वेकेशन के दौरान एफिडेविट करना संभव नहीं होने की बात कहकर शिक्षा विभाग को शिकायत की गई थी। इस शिकायत के चलते विवाद ने तूल पकड़ लिया। इस विवाद को शांत करने के लिए सरकार को आदेश जारी करना पड़ा है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 की प्रोविजनल फीस के लिए अब निजी स्कूलों को 31 दिसम्बर तक एफिडेविट के साथ आवेदन करने का आदेश दिया गया है। दूसरी ओर अभिभावकों का आरोप है कि कई निजी स्कूल एफआरसी की ओर से तय की गई प्रोविजनल फीस का पालन नहीं करते हैं। कई स्कूलों ने अभी तक अतिरिक्त फीस वापस नहीं की है। एफआरसी के साथ कई संचालक सांठगांठ कर अपनी मनपसंद फीस तय करवा लेते हैं। फीस के मामले में नुकसान मात्र अभिभावकों का होता है।