वह खुद एमडी ड्रग तैयार कर पूर्व में मुंबई से पकड़े गए वीरामणी उर्फ अन्ना व प्रवीण म्हात्रे को देता था। ये दोनों ड्रग की खेप वापी निवासी मनोज भगत को देते थे। मनोज भगत से सूरत का ड्रग डीलर सलाम झेवरी लेता था। सलमान शहर के विभिन्न छोटे ड्रग डीलरों (पेडलरों) को एमडी ड्रग की आपूर्ती करता था। मनोज पाटिल उर्फ बाला को इन आरोपियों के अलावा सूरत में एमडी ड्रग पहुंचाने का और कोई नेटवर्क हैं या नहीं इस बारे में पूछताछ की जा रही हैं।
यहां उल्लेखनीय हैं कि पिछले साल पुलिस ने पूरे प्रदेश में मादक पदार्थो की तस्करी और अवैध बिक्री के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत सूरत क्राइम ब्रांच ने गत 22 सितम्बर 2020 को डूमस रोड से एक करोड़ रुपए की एमडी ड्रग के साथ ड्रग डीलर सलमान को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद स्थानीय पेडलरों समेत मुंबई से सूरत में ड्रग आपूर्ती की चेन को भेदते हुए कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन मुख्यसूत्रधार बाला फरार था। लंबे समय से बाला की खोज में जुटी क्राइम ब्रांच को कुछ दिन पूर्व ही महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के निधवली गांव के मूल निवासी बाला के मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के पेन गांव में जहान्वी सोसायटी स्थित ठिकाने की सूचना मिली। जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया और सूरत ले आई।
घर में बना रखी थी छोटी लैब पुलिस पूछताछ में मनोज उर्फ बाला ने बातया कि उसने यु-ट्यूब व इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी का सहारा लेकर प्रायोगिक तौर पर अलग अलग केमिकल का प्रयोग कर घर में ही एमडी ड्रग तैयार करनी शुरू की थी। कुछ ही समय में उसने एमडी तैयार करना सीख लिया। फिर ड्रग तैयार करने के लिए घर में ही एक छोटी लैब बना दी। जहां वह एमडी ड्रग तैयार करता था और फिर अन्ना और प्रवीण के जरिए बेचता था। पुलिस उससे विस्तृत पूछताछ में जुटी हैं।