130 करोड़ के देश में अंगदान के मामले में यूं भारत काफी पीछे है। सूरत में डोनेट लाइफ संस्था के प्रमुख निलेश मांडलेवाला ने बताया कि देश में 20 लाख से अधिक किडनी फेल होने के मरीज हैं। इसमें हर साल दो से ढाई लाख मरीज बढ़ जाते हैं। लीवर, हृदय, फेफड़े समेत अंग फेल होने के मरीजों को अंगदान नहीं मिलने से तकलीफ का जीवन गुजारना पड़ता है। हर साल पांच लाख से अधिक लोगों को अंग नहीं मिलने के कारण मौत हो जाती है। सूरत गुजरात में अंगदान के मामले में अव्वल है। गुजरात में इंस्टिट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर में 45 प्रतिशत अंगदान सूरत से किया गया है। सितम्बर 2017 में डोनेट लाइफ के द्वारा सबसे कम उम्र 14 माह के बालक का हृदय और किडनी दान लेकर मुम्बई के अस्पताल में साढ़े तीन साल के बच्ची में ट्रांसप्लांट करवाया था। दिसम्बर 2020 में सूरत से ढाई वर्षीय जश संजीव ओझा के ब्रेनडेड होने पर सबसे छोटी उम्र के बालक का हृदय, फेफड़े, किडनी, लीवर, चक्षुओं का दान की देश में पहली घटना थी।
सूरत से दान किया हृदय युक्रेन, यूएई और रशिया के मरीजों में मुम्बई व चैन्नई में ट्रांसप्लांट किए गए हैं। जबकि एक फेफड़े का ट्रांसप्लांट यूक्रेन के एक चार वर्षीय बालक में चैन्नई के अस्पताल में किया गया था। कोविड-19 महामारी के दौरान सूरत ने अंगदान का नया रिकार्ड बनाया है। पिछले एक साल में 36 किडनी, 20 लीवर, 8 हृदय, 12 फेफड़े, 1 पेन्क्रीयाज, 34 चक्षुओं समेत 111 अंगों का दान लेकर 102 जनों को नया जीवन दिया है।
दुनिया में अंगदान की स्थिति देश /प्रतिशत स्पेन -46 यूएसए -26 स्वीडन -15 यूके -13 भारत -0.8
सूरत में हृदयदान वर्ष /हृदय 2021 -4 2020 -5
सूरत में हृदयदान वर्ष /हृदय 2021 -4 2020 -5
2019 -4 2018 -5 2017 -9 2016 -6 2015 -1 कुल -34