सूरत

हाईवे पर मृत ऊंट से टकरा कर पलट गई निजी बस

दो जनों की मौत, दो दर्जन से अधिक हुए घायल
राजसमंद जिले के देवगढ़ के निकट हुआ हादसा
हाईवे ऑथोरिटी की लापरवाही आई सामने

सूरतFeb 10, 2018 / 10:59 pm

Sunil Mishra



सूरत/देवगढ़. बारडोली से राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसिंद के लिए रवाना हुई एक निजी ट्रैवेल्स बस शनिवार अलसुबह दिवेर के निकट छापली बस स्टैण्ड पर हादसे का शिकार हो गई। चालक के सड़़क पर मृत पड़े ऊंट से बचने का प्रयास करने के दौरान बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में बस चालक सहित दो जनों की मृत्यु हो गई तथा २५ अन्य घायल हो गए। घायलों को देवगढ़ सीएचसी ले जाकर उपचार शुरू किया और सात गम्भीर घायलों को भीलवाड़ा रैफर किया गया है। हादसे के बाद दिवेर पुलिस ने जाम को खुलवाया।
पुलिस एवं दिवेर ग्रामीणों के अनुसार सवाईभोज ट्रैवेल्स बस आसींद जा रही थी। छापली बस स्टैण्ड के पास राजमार्ग पर ऊंट मरा पड़ा था, जिस पर बस चालक की नजर अचानक पड़ी तो उसने बस को शव पर चढऩे से बचाने के प्रयास में स्टेयरिंग घुमाया, जिससे बस बेकाबू होकर पलट गई। इस दौरान कई यात्री नींद में थे। बस पलटने की जोरदार आवाज और यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर छापली के ग्रामीण तत्काल घटनास्थल की ओर दौड़कर पहुंचे और बस में फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। इधर, सूचना पर 108 एम्बुलेंस ओर दिवेर पुलिस भी मौके पर पहुंची।

बस चालक और एक यात्री की मौत
बस चालक ईशरमण्ड राजसमंद निवासी प्रहलाद उर्फ पिंटू (32) पुत्र बाबूलाल सेन व यात्री पाटन बदनोर जिला भीलवाड़ा निवासी कानाराम(35) पुत्र गणेश गुर्जर की मौत हो गई। 25 घायलों को देवगढ़ सीएचसी पहुंचाया गया, जिनमें से सात को गंभीर स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद भीलवाड़ा रैफर किया। मृतक यात्री का शव निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया। बस चालक को गंभीर अवस्था में बस से बाहर निकाला, जिसका अस्पताल लाते समय रास्ते में दम टूट गया।
 

चीख-पुकार… युवाओं ने बढ़ाए मदद के हाथ
सर्द सुबह जैसे ही बस पलटी तो धमाका और फिर चीख-पुकार ने एकाएक सन्नाटे को चीर दिया। ऐसे में छापली में उनींदे से युवा और ग्रामीण हरकत में आते हुए घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े और बस से घायलों व यात्रियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। वे उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाने की कोशिश में जुटे रहे।
सूचना के बावजूद हाईवे ऑथोरिटी ने नहीं हटवाया शव
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार शाम हाईवे पर एक ऊंट अज्ञात वाहन की टक्कर से मर गया था। इसकी सूचना देने के बावजूद भी हाईवे टीम ने उसके शव को सड़क से तत्काल नहीं हटवाया। मृत ऊंट पूरी रात मौके पर ही पड़ा रहा। इसके बाद शनिवार सुबह ऊंट के शव से बचने के प्रयास में बस पलट गई।
नीम के पेड़ ने बचाई कई जानें
हादसे में सड़क के ठीक पास विजयराम सालवी के मकान में बस घुस गई और वहां लगे नीम के पेड़ के कारण बस अटक गई। नीम का पेड़ बीच में नहीं आता, तो बस मकान में घुस सकती थी, जिसमें परिवार के दस लोग सो रहे थे। वे भी इस हादसे का शिकार हो सकते थे।
मौके का जायजा लेकर अस्पताल पहुंचे एसपी
दुर्घटना की सूचना पर राजसमंद से जिला पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना कर आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद वे देवगढ़ अस्पताल भी पहुंचे, जहां घायलों की कुशलक्षेम पूछी। इसके बाद मोर्चरी की ओर गए, जहां दोनों मृतकों के परिजनों, देवगढ़ ट्रावेल्स एजेंटों सहित अन्य लोगों ने उन्हें बग्गड़ टोल कर्मचारियों की लापरवाही से बस दुर्घटना होने की शिकायत की।
मित्रों के साथ सामाजिक समारोह में जा रहा था कानाराम
सूरत. राजस्थान के दिवेर में शनिवार सुबह बस हादसे में खबर आते ही सूरत जिले के कडोदरा-वेरली में माहौल गमगीन हो गया। इस हादसे में वरेली निवासी कानाराम पुत्र गणेश गुर्जर की मौत हो गई। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिंद तहसील के पाटण गांव के मूल निवासी कानाराम परिवार के साथ वरेली में रहते थे। परिवार में पत्नी एवं दो बच्चे आठ साल का लड़का और छह साल की लड़की है। वरेली में ही अघोरी किराणा स्टोर के नाम से उनकी दुकान है। गांव में समाजिक समारोह होने के कारण कानाराम अपने सजातीय मित्रों चलथाण निवासी राजू गुर्जर, सोनगढ़ निवासी नारायण गुर्जर व अन्य के साथ गांव जाने के लिए शुक्रवार शाम बारडोली से आसिंद जाने वाली सवाईभोज (एसआर) ट्रैवेल्स की बस में सवार हुए थे। इस हादसे में कानाराम के साथ काल का ग्रास बने बस के चालक पिन्टू बाबूलाल सेन (30) से कानाराम की मित्रता थी। आसिंद के निकट ही ईसरमंड गांव निवासी पिन्टू के साथ कानाराम बस के केबिन में ही बैठा था। पिन्टू के भी दो लड़के व एक लड़की है। बड़ा लड़का दस साल का है तथा सबसे छोटी लड़की सिर्फ छह महीने की है।

गांव रवाना हुए परिजन
कानाराम के रिश्तेदार उगमाराम गुर्जर ने बताया कि वरेली में हमारे गांव के छह-सात परिवार हैं। सुबह हादसे की खबर से सब चिंतित हो गए। सुबह दस बजे कानाराम पत्नी व बच्चों को कुछ बताए बिना समझा बुझाकर तैयार किया और ग्यारह बजे गांव जाने के लिए रवाना हो गए।

सूरत से पांच जने चढ़े
सवाईभोज ट्रैवेल्स के एजेन्ट शिवलाल ने बताया कि बारडोली से शाम चार बजे निकलने वाली इस बस में अधिकतर सवारियां, बारडोली, कडोदरा व हाईवे के आसपास की होती हैं। सूरत से कोई टिकट मांगता है तो हम बुकिंग करते हैं। शुक्रवार को सूरत से पांच जने सवार हुए थे। जिनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष थे। सुबह मैंने वहां के एजेन्ट से बात की थी। उन्हें कुछ चोंटे आई हैं लेकिन सभी सुरक्षित हैं।

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