इंडियन मेडिकल एसोसिएशन फायर सेफ्टी कमेटी ने बताया कि बुधवार को शहर के 3500 प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल बंद रखकर हड़ताल पर जाएंगे। हाल में स्थानीय प्रशासन ने निजी अस्पतालों के नियमों को लेकर नए नोटिस जारी किए हैं। इसमें कई नियम ऐसे हैं जो अस्पताल पर लागू करने से डॉक्टरों को काफी परेशानी होगी। फायर सेफ्टी कमेटी की को-चेयरमैन डॉ. पारूल वडगामा ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय या सरकार का जो भी आदेश है, उसे डॉक्टर मानने को तैयार हैं। लेकिन नियम बनाते समय एक कमेटी बने जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञ होने चाहिए। नए नियमों पर तुरंत रोक लगाने की मांग के साथ ही शहर के निजी अस्पताल के साढ़े तीन हजार डॉक्टर शुक्रवार को ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं बंद करके हड़ताल पर जाएंगे।
इस दिन आने वाले सभी केसों को ट्रस्ट या सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा। चिकित्सक अस्पताल के निर्माण नियमों से नाखुश हैं। पिछले साल फायर सेफ्टी का नियम लाया गया और डॉक्टरों ने उसका पालन किया है। अब फिर से जो नए नियम सामने आए हैं, उनका सभी डॉक्टर पालन करने में सक्षम नहीं हैं। गुजरात सरकार द्वारा बार-बार जारी किए गए नियमों से गुजरातभर के डॉक्टरों में नाराजगी है। सूरत समेत आइएमए ने राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। डॉक्टर शुक्रवार को सुबह 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक 24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में ओपीडी, बाहर के मरीजों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और ऑपरेशन थिएटर सभी बंद रहेंगे।
इन नियमों का हो रहा विरोध चिकित्सकों ने बताया कि नए नियम में पर्दों, बेडशीट, छत और दीवारों में गैरज्वलनशील कपड़े, हर माह वेंटिलेटर की सेवा, एसी का मासिक रखरखाव, बिजली के तारों के लिए ईएलसीबी और एमसीबी आदि प्रत्येक विद्युत बिंदु पर स्थापित करना शामिल है। आईसीयू की मासिक चेकिंग, आईसीयू में स्प्रिंकलर सिस्टम और मासिक सर्विसिंग, आईसीयू ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए और बेड पास करने के लिए दरवाजे चौड़े और एक से अधिक होने चाहिए। इमरजेंसी लाइट और ऑटो स्टार्टिंग सेंस अनिवार्य, सीढिय़ों से सभी कांच की बाधाओं को हटाना, अस्पताल की ऊंचाई, बाहर कांच का उपयोग नहीं करना आदिश शामिल है। इन नियमों का पालन करने के लिए केवल सात दिन का समय दिया गया है।