जीएसटी के नए नियमों से बढ़ सकती है उद्यमियों की समस्या
आइजीएसटी का क्रेडिट यूज होने के बाद ही अन्य क्रेडिट यूज कर सकेंगे

सूरत
जीएसटी के नियमों के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलने से सूरत के कपड़ा उद्यमी पहले से परेशान हैं ऐसे में जीएसटी के हाल में ही पारित नए नियमों के कारण उद्यमियों की समस्या और बढ़ सकती है। जीएसटी विभाग 1 फरवरी के नियमों के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल करने का फार्मेट बदल दिया गया है।
उद्यमियों के फरवरी महीने के रिटर्न में भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल नए नियमों के अनुसार किया जाएगा। पुराने नियमों के अनुसार यदि उद्यमी की किसी भी प्रकार की आइजीेएसटी(इन्टिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की जवाबदारी हो तो आइजीएसटी क्रेडिट से होता था। उसके बाद यदि आइटीजीएसटी की क्रेडिट बचती है तो उसका उपयोग सीजीएसटी और एसजीएसटी का टैक्स चुकाने में करते थे। अब नए नियम के अनुसार आइजीेएसटी के क्रेडिट का उपयोग आइजीसएटी टैक्स चुकाने के बाद भी बचे तो उसे पहले सीजीएसटी और बाद में एसजीएसटी टैक्स चुकाने में अनिवार्य तौर से करना होगा। इसके बाद भी यदि टैक्स चुकाना हो तो सीजीएसटी क्रेडिट का उपयोग और अंत में एसजीएसटी क्रेडिट का उपयोग होगा। इस नियम के कारण उद्यमियों में यह भय है कि यह नियम उद्यमियों को परेशान कर सकता हैं। क्योंकि एक ओर आइजीएसटी को पूरा इस्तेमाल करने के कारण सीजीएसटी की क्रेडिट तो बची रहेगी, लेकिन एसजीएसटी में जिम्मेदारी बनी होने के कारण नकद में टैक्स चुकाना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि सूरत के कपड़ा उद्यमियों की 600 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट पहले से ही जमा पड़ी है। इस बारे में उन्होंने केन्द्र सरकार से बार बार गुहार लगाने पर भी कोई सुनवाई नहीं होने से अब उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया है।
सीए प्रदीप सिंघी ने बताया कि जीेएसटी के नए नियमों के कारण उद्यमियों की टैक्स क्रेडिट रहने के बाद भी उन्हें टैक्स नकद में चुकाना पड़ सकता है। सूरत के उद्योग पर इस निर्णय से असर पड़ेगा।
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