जैसी कि पहले से आशंका जताई जा रही थी, कपड़ा उद्योग में उद्यमियों और कारोबारियों के बीच रियायतों का दौर खत्म हो रहा है। कोविड 19 का हवाला देते हुए प्रोसेसर्स ने भुगतान के नियम और कड़े कर दिए हैं। मंगलवार को हुई दक्षिण गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन की बैठक में इन्हें हरी झंडी दे दी गई। लॉकडाउन के बाद कारोबार को पटरी पर लाना प्रोसेसर्स के लिए भी गम्भीर चुनौती बना हुआ है। उद्यमियों के मुताबिक बिजली, कोयला, कलर केमिकल, कर्मचारियों का वेतन, मेकेनिकल उपकरणों आदि के लिए नगद खर्च करने के बाद तरलता का संकट खड़ा हो रहा है। यह स्थिति प्रोसेसर्स के लिये चिंता का सबब बनी हुई है।
प्रोसेसर्स ने तय किया इन स्थितियों से उबरने के लिए भुगतान के नियमों को कड़ा किया जाए। नए नियमों के मुताबिक ट्रेडर्स को हर हाल में 60 दिन के भीतर भुगतान करना होगा। 30 दिन के बाद भुगतान किया जाता है तो 1.5 फीसदी अतिरिक्त भुगतान करना होगा। साथ ही तय हुआ कि सेवा के बदले ट्रेडर्स को किसी प्रकार का डिस्काउंट नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर एसोसिएशन प्रमुख जीतू वखारिया, विनोद अग्रवाल, प्रमोद चौधरी, कमल तुल्सियान समेत अन्य प्रोसेसर मौजूद रहे।