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सूरत

रेल पटरियां डूबीं, यात्री हुए परेशान

 
दक्षिण गुजरात में भारी बरसात से रेल यातायात पर पड़ा असरट्रेनों की स्थिति को लेकर पूछताछ खिड़की पर यात्रियों की भीड़ लगी रही

सूरतJun 25, 2018 / 11:08 pm

सुनील मिश्रा

patrika

रेल पटरियां डूबीं, यात्री हुए परेशान


वापी/वलसाड. भारी बरसात का रेल यातायात पर भी असर पड़ा। रात से ही हो रही बरसात के कारण भिलाड़, उमरगाम, वलसाड और उदवाड़ा में रेल पटरियां डूब गई। इसके कारण सुबह चलने वाली प्रमुख गाडिय़ां देरी से चलीं। रोजाना ट्रेन से नौकरी पर जाने वाले काम धंधे पर नहीं जा पाए तो हजारों यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ी। ट्रेनों की स्थिति को लेकर पूछताछ खिड़की पर लगातार यात्रियों की भीड़ लगी रही। वलसाड रेलवे स्टेशन पर रेल पटरी भी पानी में डूब गई थी। इसके कारण ट्रेनों को देरी से चलाना पड़ा।

प्रमुख गाडिय़ां प्रभावित
पटरी पर पानी भरने से मुंबई की ओर जाने और वहां से आने वाली कई प्रमुख गाडिय़ां प्रभावित हुई। इनमें बांद्रा-वापी पैसेंजर को रद्द कर दिया गया था। मुंबई की ओर से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस करीब एक घंटा देरी से चली। सुबह आठ बजकर 23 मिनट के बदले यह ट्रेन 09.25 बजे आई। इसके अलावा गुजरात एक्सप्रेस एक घंटा, इंटरसिटी एक्सप्रेस पौने घंटा, सौराष्ट्र एक्सप्रेस निर्धारित समय से करीब सवा घंटा देरी से चली। मुंबई की ओर जाने वाली गाडिय़ों में पश्चिम एक्सप्रेस करीब पांच घंटे, गुजरात एक्सप्रेस चार से ज्यादा घंटे, भिलाड़ वड़ोदरा एक्सप्रेस करीब छह, सयाजी पांच, कर्णावती चार घंटे देरी से चली। इसके अलावा फ्लाइंग रानी तीन, अगस्त क्रान्ति करीब तीन घंटे की देरी से चली। कई ट्रेनों को वलसाड, वापी तथा भिलाड में रोक कर भी रखा गया था। ट्रेनों के देरी से चलने पर प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ रही।

प्लेटफार्म पर पानी ही पानी
बरसात ने ए -ग्रेड दर्जा प्राप्त वापी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के अभाव को भी उजागर कर दिया। प्लेटफार्म नंबर एक पर शेड होने के बाद भी पानी गिरने से प्लेटफार्म पर यात्रियों को बैठने के लिए सूखा स्थान तलाशना पड़ा। प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर भी कमोबेश यही स्थिति रही।
निचले इलाके हुए जलमग्न
वलसाड. वलसाड में भारी बरसात के कारण हुई समस्या ने नगरपालिका के प्री मानसून कार्यों की पोल खोल कर रख दी। बरसात से पहले प्री-मानसून कार्य का बड़ा बड़ा दावा पहली बरसात में ही हवा हो गया। सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक हुई झमाझम बरसात के कारण मुख्य मार्ग से लेकर निचले इलाकों में पानी भर गया था। धोबी तालाब, छीपवाड़ और दाना बाजार जैसे इलाके में यह बरसात आफत बनकर आई। धोबी तालाब के कई घरों में पानी घुस गया। इससे खाने पीने समेत अन्य सामान भीगने से लोगों को नुकसान उठाना पड़ा। सामान को बचाने की जद्दोजहद में लोग लगे रहे। बाल्टी से लोगों को घर से पानी निकालते देखा गया। लोगों के अनुसार पानी निकलने की कारगर व्यवस्था न होने और प्री मानसून काम न करने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है।
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