गुजरात-राजस्थान के बीच दो हजार निजी बसों का संचालन, सूरत समेत दक्षिण गुजरात में सात सौ बसों के संचालकों को होगा बड़ा नुकसान
RAJASTHAN LOCKDOWN EFECT: सात सौ बसों के थम जाएंगे पहिए
सूरत. लॉकडाउन राजस्थान में लागू होगा और सैकड़ों बसों के पहिए सूरत समेत गुजरात के कई शहर-कस्बों में थम जाएंगे। जी यह बात सही है और सोमवार से लागू होने वाले सम्पूर्ण लॉकडाउन का असर रविवार शाम से ही सूरत समेत दक्षिण गुजरात के कई शहर-कस्बों में खड़ी बसों के साथ देखने को मिलने लग जाएगा। अकेले सूरत समेत दक्षिण गुजरात में सात सौ से ज्यादा निजी बसों की राजस्थान ट्रिप बंद हो जाएगी। पूरे गुजरात में रुकने वाली बसों की संख्या 2 हजार के पार जाएगी। गुजरात-राजस्थान की ना केवल सीमाएं जुड़ी है बल्कि दोनों प्रदेश का खान-पान, बोल-चाल, रहन-सहन भी काफी मिलता-जुलता है तो फिर फायदा-नुकसान कैसे अलग-अलग हो सकता है। यहीं वजह है कि राजस्थान में सोमवार से लागू होने वाले सम्पूर्ण लॉकडाउन का असर गुजरात और विशेषकर सूरत में भी हर तरीके से देखने को मिलेगा। राजस्थान में अप्रेल से ही जन अनुशासन पखवाड़ा के जरिए सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर अब 10 मई से 24 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय राज्य सरकार ने किया है। सोमवार से राजस्थान में लॉकडाउन लागू होते ही सभी तरह की गतिविधियां रुक जाएगी और इससे सूरत समेत गुजरातभर से प्रतिदिन संचालित होने वाले करीब दो हजार निजी बसों के पहिए भी जहां के तहां रुक जाएंगे। राजस्थान के अधिकांश जिलों के हजारों लोग गुजरात के सूरत समेत अन्य सभी शहर-कस्बों में व्यापार-उद्योग के सिलसिले में बसे हुए हैं और इनका ज्यादातर आना-जाना निजी बसों से होता है।
-यह तीन रुट है प्रमुख सूरत समेत दक्षिण गुजरात से राजस्थान जाने वाली निजी बसों के तीन रुट प्रमुख है, जिन पर यह बसें नियमित प्रवासी यात्रियों को लेकर दौड़ती है। सूरत-जोधपुर
इस रुट पर राजस्थान के सिरोही, जालोर, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर जिले के प्रवासी राजस्थानी यात्रा करते हैं। सूरत-उदयपुर इस रुट पर उदयपुर के अलावा राजसमंद, चित्तोडग़ढ़, भीलवाड़ा जिले के प्रवासी राजस्थानी यात्रा करते हैं। इस रुट से वाया उदयपुर हाड़ौती के कोटा, बूंदी, बारां भी यात्रा होती है।
सूरत-अजमेर इस रुट पर सिरोही, पाली, ब्यावर, अजमेर, जयपुर के अलावा शेखावाटी के सीकर, चुरु, झुंझुनूं व नागौर जिले के प्रवासी राजस्थानी यात्रा करते हैं। इन तीनों के अलावा चौथा रुट सूरत-बांसवाड़ा भी है, जिस पर बांसवाड़ा, डुंगरपुर, प्रतापगढ़ आदि जिलों के प्रवासी राजस्थानी यात्रा करते हैं।
-नुकसान पहुंच जाएगा 10 करोड़ के पार सूरत डेली बस सर्विस वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक इस एक माह की अवधि में बस संचालकों को प्रति बस दो लाख रुपए का नुकसान तय है। सात सौ बसों के हिसाब से बस ऑपरेटर्स को यह नुकसान का आंकड़ा एक माह की अवधि में 14 करोड़ तक पहुंच जाएगा। शनिवार को भी बसों में नाममात्र यात्रियों की संख्या थी, बसें खड़ी रहने पर रोड़ टैक्स, ड्राइवर-कंडक्टर की पगार, मेंटनेंस, ऑफिस भाड़ा समेत अन्य खर्चे संचालकों को भुगतने ही पड़ेंगे।
-पिछले साल जैसा ही हाल गतवर्ष लॉकडाउन के दौरान भी गुजरात-राजस्थान के बीच निजी बसें संचालित करने वालों का कोरोना महामारी में यहीं हाल हुआ था और वो ही हालात फिर से बनते जा रहे हैं। ओम शेखावाटी, सदस्य, सूरत डेली बस सर्विस वेलफेयर एसोसिएशन
-नहीं दिखी कोई खास भीड़ शनिवार सूरत से राजस्थान जाने के लिए सहारा दरवाजा के निकट स्थित प्रमुख स्थल बाड़े में निजी बसें तो दिखाई दी, लेकिन प्रवासी राजस्थानियों की भीड़ सामान्य दिनों की अपेक्षा भी काफी कम दिखी। उधर, राजस्थान में सोमवार से 15 दिन के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन लग जाएगा और सूरत समेत दक्षिण गुजरात से रविवार दोपहर तक ही निजी बसें राजस्थान रवाना हो पाएगी
-अकेले सूरत में 5 हजार लोग होंगे प्रभावित राजस्थान में लॉकडाउन भले ही 15 दिन के लिए लगाया जा रहा है, लेकिन इसका असर पूरे एक माह तक देखने को मिलेगा और उसके मुताबिक अकेले सूरत शहर में 5 हजार लोगों का रोजगार प्रभावित होगा। सूरत डेली बस सर्विस वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक सूरत समेत दक्षिण गुजरात से राजस्थान के लिए सात सौ से ज्यादा निजी बसें संचालित होती है और इनका मुख्य केंद्र सूरत है। यहां पर ढाई सौ से ज्यादा ट्रेवल्स ऑफिस है। प्रत्येक बस के ड्राइवर-कंडक्टर, ऑफिस स्टाफ समेत 5 हजार लोग लॉकडाउन से प्रभावित होंगे।