पुलिस और स्मीमेर अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक मूल राजस्थान में बांसवाड़ा जिले की सज्जनगढ़ तहसील के बोचरदा गांव निवासी राजेन्द्र धीरजमल पणदा (20) पिछले कुछ दिनों से सूरत में भाई अमित धीरजमल पणदा के साथ रहकर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए किए जा रहे खुदाई कार्य करता था। 24 मई को शाम छह बजे ट्रैफिक सिग्नल लगाने का कार्य करके डुंभाल फायर स्टेशन के पास एसएमसी गार्डन में रहने चले गए। रात आठ बजे खाना खाने के बाद अमित पत्नी रीटा और प्रियांश (ढाई वर्ष) के साथ गार्डन में सोने चले गए। जबकि राजेन्द्र दो-तीन दिनों से गार्ड के पास डुंभाल फायर स्टेशन कंपाउन्ड में सोने चला गया। इसी दौरान देर रात साढ़े बारह बजे दमकल विभाग की गाड़ी ने फुटपाथ पर सो रहे राजेन्द्र को कुचल दिया। हादसे में गंभीर रूप से घायल राजेन्द्र की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद फायर विभाग के कर्मचारी गार्डन में आए और भाई अमित को घटना की जानकारी दी। शव का पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए स्मीमेर अस्पताल भिजवा दिया गया। अमित ने पुलिस को बताया कि सिर और शरीर में चोट लगने से राजेन्द्र की मौत हुई है। लिंबायत पुलिस ने फायर विभाग की गाड़ी से कुचलकर मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
माइग्रेशन फैमली के लिए अर्बन शेल्टर होम नहीं मजदूर अधिकार मंच गुजरात ने फायर गाड़ी से कुचलकर राजस्थान निवासी एक मजदूर की मौत की घटना के बाद अर्बन शेल्टर होम का मुद्दा उठाया है। सचिव डेनिस मेकवान ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि राज्य के महानगरों में एक लाख की आबादी पर एक शेल्टर होम बनाने की कवायद शुरू की गई है। हाल में शहर में 20 शेल्टर होम कार्यरत हैं, लेकिन सभी डोरमेट्री बनाए गए हैं। परिवार के साथ रोजगार के लिए सूरत आने वाली माइग्रेशन फैमली के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था नहीं है।
पुलिस ने फायर स्टेशनों के वाहनों की जांच की डुंभाल फायर स्टेशन में देर रात को हुए हादसे की जानकारी मिली है। लिंबायत पुलिस थाना निरीक्षक ने मौके पर जाकर घटनास्थल की मुलाकात की और वाहनों की जांच की। हाल में फायर की किस वाहन से दुर्घटना हुई है। उसके बारे में पता लगाया है।
वसंत परिख, चीफ फायर ऑफिसर, मनपा, सूरत।