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सूरत

नर्मदा बांध के पानी से भरा जा रहा राजकोट का आजी बांध

भरुच में मानसून काल में ही सिसक रही नर्मदा नदी
नदी की दशा देख सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश

सूरतSep 09, 2018 / 08:07 pm

Sanjeev Kumar Singh

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नर्मदा बांध के पानी से भरा जा रहा राजकोट का आजी बांध

भरुच.

गुजरात की जीवन रेखा माने जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध का जलराशि का लाभ नदी के किनारे बसे भरुच व नर्मदा जिले के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। मानसून काल में भी भरुच से होकर बहने वाली नर्मदा नदी की हालत खराब बनी हुई है। भरुच के घाटों से सिसक-सिसक कर बहने को नर्मदा नदी मजबूर हो गई है और उधर सरदार सरोवर नर्मदा बांध के पानी से राजकोट के आजी बांध को भरा जा रहा है। नर्मदा नदी में कम मात्रा में पानी छोड़े जाने से सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर आने वाले दिनों में लोगों की ओर से आंदोलन करने की भी योजना बनाई जा रही है। कई संस्थाओ ने नर्मदा बांध से नर्मदा नदी में पानी छोडऩे की मांग की है।

सौराष्ट्र के राजकोट स्थित आजी बांध को भरने के लिए सरदार सरोवर नर्मदा बांध से केनाल में छोड़े जाने वाले पानी के जत्थे को बढ़ाकर दस हजार क्यूसेक कर दिया गया है। उधर, भरुच से होकर बहने वाली नर्मदा नदी में मात्र ६१० क्यूसेक पानी ही छोड़े जाने से बारिश के समय भी नर्मदा सूखी दिख रही है। सूखी नदी को दरिया का पानी लील रहा है जिसके कारण नदी के साथ तट किनारे क्षारीयता की समस्या तेजी से बढ़ रही है। क्षारीयता की समस्या का सामना किसानों के साथ कंपनियों को भी करनी पड़ रही है। नर्मदा बांध के पानी से आजी बांध को खुश किया जा रहा है, वहीं नर्मदा के सूखी होने से डाउन स्ट्रीम में रहने वाले लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

मध्यप्रदेश में हुई तेज बारिश के कारण पिछले १४ दिनों के भीतर ही नर्मदा बांध का जलस्तर १३ मीटर तक बढ़ गया है। ऊपरी क्षेत्र से पानी की आवक होने से नर्मदा बांध का जलस्तर 124.52 मीटर तक पहुंच गया है। बांध के जलस्तर में इजाफा होने से सरकार ने नर्मदा बांध के पानी से राजकोट के आजी बांध को भरने का काम शुरू करा दिया है। नर्मदा बांध पर कैनाल हेड पावर हाउस के दो टबाइनों को चलाकर नर्मदा की मुख्य नहर में 10 हजार 271 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

बारिश के मौसम में भी सूखी नजर आ रही नर्मदा नदी
उधर, नर्मदा नदी में बांध के पास स्थित गोडबोले गेट से सिर्फ 610 क्यूसेक ही पानी छोड़ा जा रहा है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। बांध से छोड़े जा रहे 610 क्यूसेक पानी भरुच के किनारे तक ही नहीं पहुंच पाता है, जिससे मानसून के समय में भी नर्मदा सूखी नजर आ रही है। नदी किनारे पट सूखा पड़ा है। समुद्र का खारा पानी नर्मदा नदी को लगातार लील रहा है। दरिया का पानी झनोर तक नदी में घुस चुका है। नदी किनारे के इलाके में क्षारीयता की समस्या विकट बन रही है। बांध के १२० किमी के डाउन स्ट्रीम में रहने वाले लोगों में नदी को सूखता देख सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। नर्मदा नदी में पानी नहीं होने से मछुआरों के साथ-साथ कृषि और पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ रहा है।

डाउन स्ट्रीम के लोगों के साथ हमेशा से अन्याय
भरुच सिटीजन काउंसिल के प्रमुख जिवराज पटेल ने कहा कि नर्मदा बांध में हाल पर्याप्त मात्रा में पानी होने से नदी में पानी छोड़ा जा सकता है। डाउन स्ट्रीम के लोगों के साथ हमेशा से अन्याय किया जाता आ रहा है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। लोग आंदोलन करे इसके पहले सरकार को जाग जाना चाहिए। पूर्व में भी सौनी योजना के तहत नर्मदा बांध के पानी का इस्तेमाल किया गया था और इस पानी की बर्बादी कच्छ के रण में ले जाकर की गई थी। इस घटना का पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए।

पानी की आवक में हो रही बढ़ोतरी
मध्यप्रदेश के इंदिरा सागर बांध और ओमकारेश्वर बांध के जल बिजली केन्द्रों के आठ टबाइनों को चलाए जाने से सरदार सरोवर में पानी की आवक बढ़ रही है। वर्तमान में ऊपरी क्षेत्र से १० हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही है जिसके सामने केनाल में १० हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की आवक व निकासी एक समान हो जाने से नर्मदा बांध का जलस्तर रविवार को 124.49 मीटर दर्ज किया गया।

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