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राजपूत समाज ने किया रुढि़ ग्रामसभा का विरोध

locationसूरतPublished: Feb 12, 2019 07:01:32 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

कलक्टर को दिया ज्ञापन

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राजपूत समाज ने किया रुढि़ ग्रामसभा का विरोध

नवसारी. चिखली और वांसदा राजपूत समाज ने मंगलवार को कलक्टर को ज्ञापन देकर रुढि़ ग्रामसभा का विरोध करते हुए समाज में असमानता फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
आदिवासी बहुल चिखली, खेरगाम और वांसदा तहसील के गांवों में कुछ महीने से आदिवासी संगठनों और अग्रणियों द्वारा संविधान की अनुसूची पांच में मिले अधिकार का हवाला देकर रुढिग़त ग्रामसभा आयोजित की जा रही है। इन ग्रामसभाओं में आदिवासियों के अलावा अन्य समाज के लोगों और राजनेताओं के गांव में प्रवेश, अन्य समाज द्वारा गांव में धंधा व्यापार करने पर रुढिग़त ग्रामसभा की मंजूरी जरूरी होने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है। इससे आदिवासी इलाके के गांव में रहने वाले सवर्ण समाज में रुढि़ ग्रामसभा के खिलाफ रोष व्याप्त है। कुछ दिन पहले चिखली के रानवेलीकल्ला गांव में रुढिग़त ग्रामसभा होने पर कुछ लोगों ने गांव में रहने वाले राजपूत समाज के लोगों को धमकी दी। इस विवाद के बाद 18 राजपूत किसानों की नहर से खेतों में सिंचाई के लिए लगाई गई पानी की पाइपों को काट दिया गया।
राजपूत समाज ने चिखली थाने में इसकी प्राथमिकी भी दर्ज करवाई। मंगलवार को कलक्टर डॉ. एमडी मोडिया को श्रीचापलधरा विभाग राजपूत समाज की अगुवाई में ज्ञापन दिया गया। इसमें रुढिग़त ग्रामसभा से आदिवासी तहसीलों में वर्ग विग्रह फैलाने तत्वों व सभा में भाषण देकर उत्तेजित करने वाले नेताओं पर भी कार्रवाई की मांग की। पांच दिनों के अंदर पानी की पाइप काटने वालों पर कार्रवाई न करने और रुढि़ ग्राम सभा को नहीं रोकने पर 18 फरवरी से राजपूत समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने कलक्टर कार्यालय के बाहर अनशन करने का ऐलान भी किया।
रानवेरीकल्ला के किसान कनकसिंह परमार ने बताया कि हमारे गांव में सिंचाई के लिए लगाई पाइप लाइन रुढि़ प्रथा से जुड़े लोगों ने तोड़ दी। यदि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो 18 फरवरी से अनशन करेंगे। कल भी मेरे मित्र और परिजनों को धमकी दी गई।
राजपूत समाज के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह सोलंकी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग रुढिग़त ग्रामसभा के नाम पर आदिवासी इलाकों में अशांति फैलाना चाहते हैं। हमारे क्षेत्र में भय का माहौल है और अशांति फैलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
हो सकती हैं रुढि़ ग्रामसभा
राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए पैसा एक्ट के तहत आदिवासी गांवों में रुढि़ प्रथा ग्राम सभा हो सकती है। इसमें गांव के चुने सरपंच अध्यक्ष और पटवारी सचिव के तौर पर कार्य करते हैं। इस सभा में गांव के मतदाता ही हिस्सा ले सकते हैं। अगर कोई इससे विपरीत सभा करता है तो वह गैरकानूनी है। हाल में जो रुढिग़त ग्रामसभाएं हो रही हैं वह अवैध हैं। ऐसी ग्राम सभा आयोजन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
डॉ. एमडी मोडिया, कलक्टर नवसारी
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