महिलाएं स्वदेशी राखियों को ज्यादा पसंद कर रही
इस बार दुकानों में चायनीज राखियां कम दिखाई दे रही हैं। महिलाएं स्वदेशी राखियों को ज्यादा पसंद कर रही हैं। दुकानों में रंग बिरंगी राखियां सजाकर व्यापारियों ने ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास किया है। दुकानों में 5 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक की राखियां सजी हैं। ग्रामीण बाजार रखोली, मसाट, खानवेल, दादरा, नरोली, खडोली बाजार में राखियों की अनेक वैरायटी उपलब्ध हंै। रक्षाबंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर अपनी सुरक्षा का वचन मांगती हैं। रक्षासूत्र बांधने के बाद बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती करती है।
दिनभर बंधेंगी राखियां:- इस बार रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पूरे दिन राखी बांध सकेंगी। ज्योषियों के अनुसार वैसे तो हिन्दू धर्म में भाई की कलाई पर राखी बांधने को कोई भी समय अशुभ नहीं माना जाता है, परन्तु भाई की दीर्घायु व असीम खुशियों की शुरुआत शुभ मुहूर्त में की जाए तो कष्ट पास में भी नहीं भटकते। पंडित धीरज जोशी के अनुसार इस बार सवेरे 5.53 बजे से सायं 17.58 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। अपरान्ह मुहूर्त 13.43 से 16.20 बजे तक है। भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जा जाती है। अच्छी बात यह है कि इस बार भद्राकाल का समय सूर्य उदय से पहले समाप्त हो रहा है। रक्षाबंधन की पूजा तक भाई-बहन को भूखे पेट रहना चाहिए। खाली पेट पूजा करने से रिश्ते में पवित्रता प्रगाढ़ हो जाती है।
इस बार दुकानों में चायनीज राखियां कम दिखाई दे रही हैं। महिलाएं स्वदेशी राखियों को ज्यादा पसंद कर रही हैं। दुकानों में रंग बिरंगी राखियां सजाकर व्यापारियों ने ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास किया है। दुकानों में 5 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक की राखियां सजी हैं। ग्रामीण बाजार रखोली, मसाट, खानवेल, दादरा, नरोली, खडोली बाजार में राखियों की अनेक वैरायटी उपलब्ध हंै। रक्षाबंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर अपनी सुरक्षा का वचन मांगती हैं। रक्षासूत्र बांधने के बाद बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती करती है।
दिनभर बंधेंगी राखियां:- इस बार रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पूरे दिन राखी बांध सकेंगी। ज्योषियों के अनुसार वैसे तो हिन्दू धर्म में भाई की कलाई पर राखी बांधने को कोई भी समय अशुभ नहीं माना जाता है, परन्तु भाई की दीर्घायु व असीम खुशियों की शुरुआत शुभ मुहूर्त में की जाए तो कष्ट पास में भी नहीं भटकते। पंडित धीरज जोशी के अनुसार इस बार सवेरे 5.53 बजे से सायं 17.58 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। अपरान्ह मुहूर्त 13.43 से 16.20 बजे तक है। भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जा जाती है। अच्छी बात यह है कि इस बार भद्राकाल का समय सूर्य उदय से पहले समाप्त हो रहा है। रक्षाबंधन की पूजा तक भाई-बहन को भूखे पेट रहना चाहिए। खाली पेट पूजा करने से रिश्ते में पवित्रता प्रगाढ़ हो जाती है।