कई आदिवासी संगठनों द्वारा नवसारी के ग्रिड से रैली निकाली गई। इसमें आदिवासी समाज के लोग परंपरागत परिधान तथा वाद्यों के साथ शामिल हुए। बाद में अधिक कलक्टर को ज्ञापन देकर समस्याओं के समाधान की मांग की गई। सभी संगठनों के लोग ग्रिड से विशाल रैली लेकर निकले थे। इसमें परम्परागत वाद्य पावरी, तूर व परिधानों में सज्ज आदिवासी आकर्षण का केन्द्र रहे। पर्यावरण बचाने एवं आदिवासी संस्कृति के जतन के नारे लिखे बैनर-पोस्टर लेकर रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी भी की।
कलक्टर कार्यालय पहुंचकर अधिक कलक्टर कमलेश राठौड़ को ज्ञापन दिया गया। इसमें दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और पार, तापी, नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट को रद्द करने, रबारी, चारण, भरवाड़ समाज को अवैध रूप से दिए गए एसटी जाति प्रमाणपत्रों को रद्द करने, आदिवासी विस्तार में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना रोजगार उपलब्ध करवाने सहित तमाम मांगें शामिल थीं। बाद में यहां से रैली लुन्सीकुई मैदान पहुंची और डॉ. बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पवर्षा की गई। यहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए समस्त आदिवासी समाज के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप गरासिया ने आदिवासी दिवस मनाने के उद्देश्यों की जानकारी देकर आदिवासियों की समस्याओं को दूर करने की मंाग की। उन्होंने आदिवासियों को संगठित होने तथा एक साल में जिले में पांच लाख पौधे लगाने की घोषणा भी की। रैली में भीलीस्तान टाइगर सेना के अध्यक्ष डॉ. पंकज पटेल, चिखली के आदिवासी नेता सुनील पटेल, नवसारी के डॉ. चेतन पटेल, विजय राठौड़ समेत समाज के कई अग्रणी भी उपस्थित थे।