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RAMMADHAV SAY: ‘कश्मीर में अब आतंक को समर्थन नहींÓ

locationसूरतPublished: Oct 23, 2021 06:30:43 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

सूरत आए भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने सूरत को ट्रेडिंग सिटी के साथ इंटेलेक्च्युएल सिटी भी बताया

RAMMADHAV SAY: 'कश्मीर में अब आतंक को समर्थन नहींÓ

RAMMADHAV SAY: ‘कश्मीर में अब आतंक को समर्थन नहींÓ

सूरत. भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राममाधव ने शनिवार को सूरत में कश्मीर और आतंकवाद, बंगलादेश में बढ़ते हिन्दू अत्याचार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, धर्मांतरण, चुनाव से ठीक पहले हिन्दुत्व समेत अन्य कई विषयों पर अपनी बात पत्रकारों के समक्ष रखी।
हिन्दू संस्कृति की रक्षा कैसे और कब तक के सवाल पर राममाधव ने कहा कि जब तक एक भी हिन्दू है तब तक हिन्दू संस्कृति सुरक्षित है। हिन्दुओं को सबसे बड़ा खतरा हिन्दुओं से ही है। ऐसी स्थिति में पराक्रम भाव से हिन्दू चिंतन करें और यह जागरण भाव सबके बीच लेकर जाए। साधु-संतों समेत सभी को हिन्दू समाज के सभी जात-पंथ तक पहुंचना चाहिए ताकि उनमें हिन्दुत्व के आदर्श स्थान का भाव पैदा हो सकें और वे सनातन संस्कृति सशक्त अनुयायी बन सकें।
कश्मीर में अचानक बढ़ी आतंकी घटनाओं और हिन्दुओं को चिह्नित कर मारे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका विरोध जरूरी है और खुलकर होना चाहिए, लेकिन एक सच यह भी है कि कश्मीर में आतंक व आतकंवादियों को अब स्थानीय स्तर पर कोई समर्थन नहीं है। उसकी बड़ी वजह है धारा 370 का हटना। गत 30 वर्षों के आंतक में कश्मीर में 26 हजार मुस्लिम पुलिसकर्मी मारे गए हैं अब उनके परिजन कैसे आतंक और आतंकवादियों को समर्थन कर सकते हैं। वहां पर बदलाव लगातार जारी है और इस बदलाव में सभी की जिम्मेदारी बनती है कि कश्मीर व कश्मीरियत को अपनाए। भारतीय विचारों से उन्हें धनी बनाने की प्रबल आवश्यकता है और इसके लिए हमें यात्रा, भ्रमण के लिए कश्मीर जाना चाहिए।
कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के 300 करोड़ की रिश्वत के ऑफर के आरोप के बारे में राममाधव ने कहा कि इसकी सत्यता तो वे स्वयं ही बता सकते हैं। उन्होंने किस परिप्रेक्ष्य में इस तरह की बात मीडिया के समक्ष कही है, यह तो वे ही बेहतर बता सकते हैं। वे पहले कश्मीर पर खूब बोल चुके हैं और बाद में बिहार पर और अब किसान आंदोलन में उनके कई तरह के बयान सामने आते रहते हैं।
नई शिक्षा नीति को राममाधव ने सराहते हुए कहा कि यह देश के भविष्य को भारतीय विचारों से काफी समृद्ध करने की हैसियत रखती है और इससे आज का बच्चा, कल का युवा भारतीय संस्कृति के काफी करीब पहुंचता दिखाई देगा। इसमें अभिभावक भी अपनी जिम्मेदारी भली-भांति समझे क्योंकि तकनीकी युग है और हाथ में मोबाइल। ऐसी स्थिति में अभिभावक परिवार के साथ-साथ बच्चों को तकनीक के माध्यम से भी सशक्त व सक्षम बना सकते हैं।
धर्मांतरण को उन्होंने मतांतरण कहते हुए बताया कि धर्म परिवर्तन संभव नहीं है क्योंकि व्यक्ति की जन्म के साथ वह अमिट पहचान बन जाती है। यह मतातंरण है और इसमें तंत्र, पैसा, प्रलोभन आदि का बड़ा प्रभाव होता है। इसे रोकने के लिए हिन्दू समाज को ही आगे आना होगा और भारतीय संस्कृति व विचारों की जड़ें उनके बीच मजबूत करनी होगी।
बंगलादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का कड़ा विरोध होना चाहिए और हो भी रहा है। भारत सरकार ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की सरकारों का भी दबाव वहां बन रहा है नतीजन बंगलादेश सरकार बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई भी कर रही है। वहां कुछ समय बाद चुनाव है और चुनाव सेे पहले राजनीतिक ताकतें ऐसे प्रयास करती है जिससे वोट लामबंद किए जा सकें।

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