डॉ. हेतल मरीजों के प्रिस्क्रिप्शन तैयार करती थी, जिनका उपयोग कर व्रजेश मेडिकल स्टोर संचालक की मदद से इंजेक्शन हासिल करता था। वह 40 हजार रुपए का इंजेक्शन 85 हजार रुपए में हेतल के पिता रसिक को देता था। रसिक मुंहमांगे दामों पर उन्हें जरुरतमंद कोरोना मरीजों के परिजनों को बेचता था।
मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन विदेश से मंगवाने का झांसा देते थे। इस बारे में सूचना मिलने पर एसओजी ने डमी ग्राहक के जरिए इनसे संपर्क किया और इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए आए रसिक को गिरफ्तार कर इंजेक्शन जब्त कर लिया था। इस पुलिस कार्रवाई के बाद लेकिन हेतल व व्रजेश फरार हो गए थे। रसिक को एसओजी ने उमरा पुलिस के हवाले कर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
उमरा पुलिस ने सोमवार को रसिक को कोर्ट में पेश कर इंजेक्शन का सोर्स पता लगाने के लिए सात दिन के रिमांड की मांग की। बचाव पक्ष के वकील जमीर शेख की दलीलें सुनने के बाद रसिक को तीन दिन तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में हेतल व व्रजेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। उन दोनों से इस मामले में मेडिकल स्टोर के संचालक समेत अन्य लोगों की भूमिका व अब तक कितने इंजेक्शन बेचे गए, इस बारे में पूछताछ की जा रही है।
———– गोडादरा में महिला पर फायरिंग करने वाला लिस्टेड बूटलेगर गिरफ्तार
– महिला ने जन्मदिन पर आशीर्वाद नहीं तो चला दी थी गोली
सूरत. गोडादरा महाराणा प्रताप सर्कल के निकट एक महिला पर गोली चलाने के मामले में फरार चल रहे लिस्टेड बूलटलेगर रामू को क्राइम ब्रांच ने देवध गांव से गिरफ्तार किया है। पुसिल ने उसके कब्जे से देशी पिस्तौल व एक कारतूस भी बरामद किया है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी रामू गौस्वामी उर्फ कालू मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के फोकनार गांव का मूल निवासी है तथा देवध रोड स्थित मां आनंदी सोसायटी में रहता है। वह लिम्बायत थाने में शराब तस्करी, मारपीट व अवैध रूप से हथियार रखने के आधा दर्जन मामलों में पकड़ा जा चुका है। दो बार पासा के तहत वडोदरा और भुज जेल में भी भेजा जा चुका है।
पूछताछ में उसने बताया कि अवैध धंधों के चलते गोपी के व्यक्ति के साथ उसकी पुरानी रंजिश है। गोपी से बचाव के लिए उसने महीना भर पूर्व विशाल वाघ से पिस्तौल व दो कारतूस खरीदे थे, जिन्हें वह अपने पास रखता था। गत 21 अप्रेल को जन्मदिन पर वह गोडादरा महाराणा प्रताप सोसायटी गया था और दिन-भर मित्रों के साथ ही रहा।
रात दस बजे वहां से लौटते समय उसने राधाकृष्ण मंदिर के निकट बैंच पर संगीता को बैठे देखा। संगीता अपनी देवरानी सुशीला व पुत्री के साथ बातें कर रही थी। उसने पिस्तौल निकाल कर संगीता को आशीर्वाद देने के लिए कहा। संगीता ने कहा कि वह जानती नहीं है तो आर्शीवाद देने का कोई मतलब नहीं।
संगीता ने आशीर्वाद नहीं दिया तो तैश में आकर उसने पिस्तौल से गोली चला दी। चेेहरे पर गोली लगने से संगीता जख्मी हो गई। सोसायटी में हो हल्ला होने पर वह भाग निकला। बाद में सुशीला की प्राथमिकी पर गोडादरा पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
उसके बाद से ही वह फरार था। क्राइम ब्रांच को उसके घर पर होने की सूचना मिली तो पुलिस ने छापा मारकर सोसायटी के गेट से ही गिरफ्तार कर लिया। उसे गोडादरा पुलिस को सौंपने की कवायद चल रही है।