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सूरत में एक दर्जन इंजेक्शन के साथ 2.46 लाख रुपए जब्त, रेमडेसिविर की कालाबाजारी के रैकेट का भांडा फूटा

locationसूरतPublished: Apr 18, 2021 11:42:09 am

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– छह गिरफ्तार, एक लैब के मार्फत हो रही थी अवैध बिक्री- निजी अस्पताल के नाम पर हासिल किए इंजेक्शन
2.46 lakh rupees seized with a dozen injections in Surat
– Six arrested, illegal sale was being done through a lab- Injections achieved in the name of private hospital

सूरत में एक दर्जन इंजेक्शन के साथ 2.46 लाख रुपए जब्त,  रेमडेसिविर की कालाबाजारी के रैकेट का भांडा फूटा

सूरत में एक दर्जन इंजेक्शन के साथ 2.46 लाख रुपए जब्त, रेमडेसिविर की कालाबाजारी के रैकेट का भांडा फूटा

सूरत. रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के रैकेट का भांडा फोड़ कर क्राइम ब्रांच ने छह जनों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से एक दर्जन रेमडेसिवीर इंजेक्शन व उनकी बिक्री के 2.46 लाख नकद भी जब्त किए हैं।
इस संबंध में शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने शनिवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुणागाम सीताराम सोसायटी निवासी कल्पेश मकवाणा, मुक्तिधाम सोसायटी निवासी प्रदीप कातरिया, गोडादरा लक्ष्मीपार्क सोसायटी निवासी शैलेष हडिया, नितीन हडिय़ा, पुणागाम संतोषीनगर सोसायटी निवासी योगेश कवाड़ व मोटा वराछा उतराण सौराष्ट्र पैलेस निवासी विवेक धामेलिया मिलकर इंजेक्शन की कालाबाजारी का नेटवर्क चला रहे थे।
वे न्यू सिविल अस्पताल में सरकार द्वारा आवंटित इंजेक्शन हासिल करते थे और फिर उन्हें कई गुना अधिक कीमत पर जरुरतमंदों को बेचते थे। पिछले कुछ दिनों से शहर में हो रही इस कालाबाजारी की भनक लगने पर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की। क्राइम ब्रांच ने एक डमी ग्राहक कल्पेश के पास भेज कर जाल बिछाया। ग्राहक इंजेक्शन की जरूरत के बारे में बात की तो कल्पेश ने एक इंजेक्शन के 12 हजार रुपए मांगे।
ग्राहक ने उससे कुल छह इंजेक्शन की मांग की तो कल्पेश 70 हजार रुपए में छह इंजेक्शन देने के लिए तैयार हो गया। वह ग्राहक को गोडादरा फ्युजन पैथोलॉजी लैब के निकट प्रदीप के पास ले गया। वहां लैब से उन्होंने छह इंजेक्शन निकाले और ग्राहक से रुपए मांगे। ठीक उसी समय क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आई।
क्राइम ब्रांच ने दोनों को पकड़ा और फिर लैब में मौजूद शैलेष व नितिन को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को लैब से छह और रेडमेसिवीर इंजेक्शन तथा नकदी बरामद हुई। उन्होंने बताया कि वे योगेश से इंजेक्शन खरीदते थे और योगेश विवेक के यहां से इंजेक्शन लाता था।
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मरीजों के आधारकार्ड पर लिए जा रहे थे इंजेक्शन :

नित्या हॉस्पिटल के पास नित्या मेडिकल स्टोर चलाने वाला विवेक अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के आधारकार्ड के प्रति व डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन के साथ अपने एक व्यक्ति को न्यू सिविल अस्पताल भेजता था। न्यू सिविल से हासिल किए इंजेक्शन को वह योगेश को बेचता था। योगेश इंजेक्शन गोडादरा की फ्यूजन लैबोरेटरी के संचालक शैलेष व नितिन के देते थे। उन्होंने कमिशन पर कल्पेश और प्रदीप को ग्राहक ढूंढने के लिए रखा हुआ था।
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670 का इंजेक्शन 12 हजार में बेचते थे :
पुलिस ने बताया कि विवेक कोविड मरीजों के नाम पर न्यू सिविल से 670 रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से लिए थे। फिर 1500 से 2000 रुपए में योगेश को बेचता था। योगेश उन्हें चार हजार रुपए में फ्युजन लैब वालों को बेचता था। फ्यूजन लैब वाले चार हजार में लिए गए इंजेक्शन 12 हजार रुपए में बेचते थे। इनमें से कल्पेश व प्रदीप को कमिशन देते थे।
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सैकड़ों इंजेक्शन बेचे होने की चर्चा :
पुलिस का कहना है कि आरोपियों से प्राथमिक पूछताछ में बीस इंजेक्शनों की कालाबाजारी सामने आई है, लेकिन चर्चा है कि आरोपियों ने प्रति इंजेक्शन 20-25 हजार रुपए तक लिए हैं। इनके जैसे और भी रैकेट शहर में सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस का कहना हैं कि इस संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
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