सूरत

नोटबंदी और जीएसटी के कारण श्रमिक कर रहे पलायन

यहां काम करने वाले ज्यादातर श्रमिक अनपढ़ होने के कारण कैश में ही वेतन की अपेक्षा करते हैं

सूरतNov 07, 2018 / 04:17 pm

Pradeep Mishra

नोटबंदी और जीएसटी के कारण श्रमिक कर रहे पलायन

सूरत
नोटबंदी ने कपड़ा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की हालत पतली कर दी है। वह पलायन कर रहे हैं।
यहां काम करने वाले ज्यादातर श्रमिक अनपढ़ होने के कारण कैश में ही वेतन की अपेक्षा करते हैं। यदि उन्हें कैश में वेतन नहीं मिले तो वह नौकरी छोड़ देते हैं। इसके अलावा बाजार में लिक्विडिटी नहीं होने के कारण कई उद्यमियों ने नए प्रोजेक्ट रद्द कर दिए। नोटबंदी के बाद उद्यमी जैसे-तैसे अपना काम चला रहे थे कि जीएसटी ने व्यापार चौपट कर दिया। सूरत का कपड़ा उद्योग पहले एक्साइज और सर्विस टैक्स के दायरे से मुक्त था। जीएसटी के बाद उस पर टैक्स लागू हुआ। टैक्स स्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर ने उनकी हालत खराब कर दी है। जो व्यापारी टैक्स भरना चाहते हैं, वह भी जटिल टैक्स स्ट्रक्चर और सिस्टम से लाचार हैं। बड़े व्यापारियों के पास तो कम्प्यूटर, अकाउंटेंट सहित सभी व्यवस्थाएं है, लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए हर महीने 25 हजार रुपए का खर्च बढ़ गया है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार को जीएसटी के नियम सरल करने चाहिए। जीएसटी के नियमों के कारण यहां के व्यापारी अन्य मंडी से आने वाले छोटे व्यापारियों के पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से व्यापार नहीं कर पा रहे हैं। इससे यहां की 70 हजार दुकानों में से लगभग 10 हजार बंद हो गईं। कई दुकानदारों ने अन्य व्यापार अपना लिया। नोटबंदी और जीएसटी के बीच कम समय होने से व्यापार की हालत खस्ता हो गई। लूम्स कारखाना संचालक भी जीएसटी के इनवर्टेड टैक्स स्ट्रक्चर से लाचार हैं। उनका कहना है कि इस टैक्स स्ट्रक्चर के कारण लगभग 625 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट फंस गया है। लूम्स संचालकों को लूम्स मशीनें भंगार में बेचनी पड़ रही हैं। हालात नहीं सुधरी तो कपड़ा उद्योग बर्बाद हो जाएगा। लूम्स कारखाने और एम्ब्रॉयडरी इकाइयां बंद होने से लगभग एक लाख लोग इस उद्योग से पलायन कर चुके हैं।

मंदी का माहौल
नोटबंदी और जीएसटी के कारण लूम्स कारखानों में मंदी का माहौल है। अन्य राज्यों से खरीद नहीं होने के कारण ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। कई कारखाने बंद हो रहे हैं।
विनीता जयस्वाल, कपड़ा व्यापारी
व्यापार पर असर
कपड़ा उद्योग में मंदी के कारण व्यापार पर असर पड़ रहा है। लूम्स कारखाने बंद होने से कई लोगों का रोजगार चला गया। अन्य राज्यों के लोग पलायन कर रहे हैं।
श्यामधर बिन्द, श्रमिक
हीरा उद्योग में हालात सामान्य
नोटबंदी और जीएसटी का हीरा उद्योग में विशेष असर नहीं दिखा। कपड़ा उद्योग की अपेक्षा हीरा उद्योग में हालात सामान्य रहे।
जयशंकर जयसवाल, हीरा श्रमिक

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