तपती गर्मी हो या भरी बरसात राह चलते राहगीरों को दुकानों के सामने लगे शेड व छप्पर तले शरण लेनी पड़ती है। राहगीरों को कहना है कि नगर परिषद ने मूलभूत सुविधाएं ईजाद किए बिना दुकानों के शेड निकाल दिए हैं, जो जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। व्यापारी सुरेश भाई का कहना है कि नगर परिषद के कर्मचारियों ने दुकान के सामने लगे शेड को दो दिन में नहीं हटाने पर बुलडोजर से ध्वस्त करने की चेतावनी दी है। इस आदेश के डर से दुकानदारों ने स्वयं शेड हटा लिए।
छोटे दुकानदारों की तकलीफ
नगर परिषद का शेड हटाने का अभियान छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी तकलीफदेय साबित हुआ है। सडक़ किनारे छप्परा लगाकर बेचने वाले कारोबारियों को धूप में खुले आसमान में धंधा करना पड़ रहा है। पहले यह लोग दुकान पर अस्थाई टिन शेड लगाकर धंधा करते थे। व्यापारी रणजीत पाटिल ने बताया कि नगर परिषद ने दुकान पर शेड लगाने से मना कर दिया है। धूप के कारण अब ग्राहकी भी नहीं रही।