पाल-उमरा ब्रिज का मामला लंबे अरसे से अटका हुआ था। उमरा की ओर रास्ते में आ रही 20 संपत्तियों के कारण ब्रिज की एप्रोच का काम अटका हुआ था। संपत्ति मालिकों को समझाइश के बाद बात नहीं बनने पर मामला कोर्ट तक गया था। फैसला मनपा के पक्ष में आया तो एक बार फिर मनपा प्रशासन ने संपत्ति मालिकों के साथ सहमति बनाने के प्रयास किए थे। बात इस पर भी नहीं बनी तो 5 नवंबर को स्थाई समिति ने लाइनडोरी के प्रस्ताव को हरी झंडी देते हुए संबंधित पक्ष को सात दिन का अंतिम नोटिस जारी किया था। इसकी मियाद पहले ही पूरी हो गई थी। सोमवार को मनपा प्रशासन ने लाव-लश्कर के साथ मौके पर जाकर पुलिस सुरक्षा के बीच रास्ते में आ रही संपत्तियों का कब्जा ले लिया था।
मंगलवार को दूसरे दिन भी मनपा की टीम साइट पर मौजूद रही। इस दौरान संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के साथ ही जमीन को समतल करने का काम शुरू किया है। इसके साथ ही मनपा प्रशासन ने रास्ते में आ रहे पेड़ों को हटाना भी शुरू किया है। मनपा अधिकारियों के मुताबिक आगामी दिनों में संपत्तियां पूरी तरह हटाकर रास्ता साफ करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद ब्रिज के अधूरे काम को पूरा करने की कवायद शुरू होगी।