राज्य के छह सरकारी मेडिकल कॉलेज टीचर्स समेत सभी सरकारी डॉक्टरों ने केन्द्र सरकार से सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन तथा एनपीए में विसंगतियां दूर करने की मांग के साथ सोमवार से आंदोलन शुरू किया है। गुजरात इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन (जीआईडीए) सूरत ब्रांच के सचिव डॉ. ओमकार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार में फेरबदल होने नई कैबिनेट ने मेडिकल टीचर्स और सरकारी डॉक्टरों के वेतन संबंधी एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, दिए जा रहे वेतन को घटाया गया है। इसके अलावा एनपीए में भी कुछ शर्ते रखी गई है। सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में जीएमटीए अध्यक्ष डॉ. कमलेश दवे ने बताया कि गुजरात गर्वमेंट डॉक्टर फोरम के बैनर तले सभी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य प्राध्यापक काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे हैं।
मंगलवार को फिजियोलॉजी लैक्चर हॉल के पास सभी सीनियर प्रोफेसर इकठ्ठा हुए और अस्पताल अधीक्षक कार्यालय तक नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। इसके बाद अधीक्षक कार्यालय के बाहर रामधून किया। अब बुधवार को कॉलेज कैम्पस में रैली का आयोजन किया गया है। गौरतलब है कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने टोकन हड़ताल सोमवार शाम को खत्म कर दी। इससे मंगलवार को ओपीडी में आने वाले मरीजों को राहत मिली है। लेकिन 4-5 दिन में नीट-पी.जी. काउंसलिंग शुरू नहीं होने पर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से अब तक मांगों को लेकर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।