सूरतPublished: Jun 11, 2020 08:09:08 pm
विनीत शर्मा
कांग्रेस को करना होगा आत्ममंथन, खोजनी होगी वजह कि आखिर अपने ही नेतओं से क्यों उठ रहा कार्यकर्ताओं का भरोसा
नियति न बन जाए रिसॉर्ट पॉलिक्टिस
विनीत शर्मा
सूरत. कांग्रेस के लिए सत्ता संजीवनी की तरह है। लंबे समय तक सत्ता से बाहर रहकर जब दूसरे दल खुद को और मजबूत करते हैं, कांग्रेस लगातार कमजोर होती जाती है। उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। गुजरात में तो चुनावों के ऐलान के साथ ही कांग्रेस का पतझड़ शुरू हो जाता है। लोकसभा-विधानसभा चुनाव हों या फिर राज्यसभा चुनाव कांग्रेस के लिए उस वक्त अपने विधायकों और नेताओं को संभालना सबसे बड़ा टास्क हो जाता है। मौजूदा विधानसभा में तो लगातार दूसरा मौका है जब राज्यसभा चुनावों के ऐलान के साथ ही विधायकों ने अपनी निष्ठा बदलने का सिललिसा शुरू कर दिया। बीते कुछ दिनों में जिस तरह का घटनाक्रम हुआ है उससे साफ है कि कांग्रेस विधायकों के लिए राज्यसभा चुनाव एक बार फिर पालाबदल का अवसर लेकर आया है।