कार्यक्रम स्थल पर किसानों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कार्यक्रम की तैयारी में जुटे लोगों को बड़ी संख्या में किसानों को कार्यक्रम स्थल तक लाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके चलते लोगों में सरकार के दोहरे मापदंडों को लेकर विभिन्न तरह की चर्चाएं जोर पकड़ रही है।
लोग बताते हैं कि क्या नेताओं और रसूखदार लोगों द्वाार भीड़ जुटाने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है? शादी समारोह जो अधिकतर लोगों के जीवन में एक ही बार होता है। उसमें मित्रों रिश्तेदारों को बुलाने पर सरकार ने कई पाबंदियां लगा रखी है। लेकिन राजनीतिक हितों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में नेताओं द्वारा भीड़ जुटाने की अनुमति कैसे दे दी जाती है?
कोरोना के दूसरे फेस में अहमदाबाद में के बाद सूरत में संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आम लोगों पर सरकार ने पांबदियां लगा रखी है,जो सही भी है, लेकिन खुद नेता ही पांबदियों का पालन नहीं कर रहे हैं। तापी जिले के डोसवाड़ा गांव में पूर्व मंत्री के यहां पोती की सगाई और तुलसी विवाह में 2000 लोग जुट गए।
इतना ही नहीं, यह मामला होने के बाद अब जामनगर के उद्यमी भीखू गोजिया के यहां मोवाण गांव में आयोजित विवाह समारोह में सौ से अधिक लोग जुटे। जमकर नाच गाना हुआ सोशल डिस्टेन्सिंग और मास्क समेत कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई। इस कार्यक्रम में सांसद पूनम माडम भी मौजूद थी। लेकिन मूकदर्शक बनी रही। वीडियो वायरल होने पर प्रशासन कार्रवाई में जुटा।