तत्कालीन मनपा आयुक्त एम.के. दास की पहल पर तैयार हुए आउटर रिंगरोड प्रोजेक्ट की डीपीआर अंतिम चरण में है। अपने अनोखे मॉडल के कारण यह प्रोजेक्ट देशभर में चर्चा का विषय बना था। दास ने आउटर रिंगरोड को सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें प्रोजेक्ट की लागत एफएसआई से होने वाली कमाई से निकलनी थी। दो भागों में प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए मनपा और सूडा ने मिलकर ११ टीपी तैयार की थीं, जिनमें आठ सूडा क्षेत्र और तीन मनपा की हैं।
प्रोजेक्ट की डीपीआर अंतिम चरण में है और फरवरी तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। मनपा सूत्रों की मानें तो इसके लिए जमीन के अधिग्रहण का काम भी लगभग ८० फीसदी पूरा हो गया है। डीपीआर तैयार होने के बाद ही प्रोजेक्ट की लागत पता चलेगी और उसके हिसाब से ही फंड रेज करने की कवायद शुरू होगी।
प्रोजेक्ट के रिव्यू के लिए गांधीनगर से मुकेश पुरी मंगलवार को सूरत आए थे। पुरी रिंगरोड के लिए गठित कंपनी अर्बन रिंग डवलपमेंट कारपोरेशन और ड्रीम सिटी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। मनपा अधिकारियों ने बताया कि आउटर रिंगरोड के लिए चार एफएसआई तक की मंजूरी देकर फंड जुटाने की योजना थी। जिस तरह से काम आगे बढ़ा है, यह फंड २.६ एफएसआई देकर भी जुटाया जा सकता है। ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हीरा बूर्स का काम शुरू हो गया है और ड्रीम सिटी के दूसरे हिस्से पर प्लानिंग का काम कर लिया गया है।
यह है प्रोजेक्ट
६६ किमी लम्बी आउटर रिंगरोड में मनपा और सूडा इलाके के करीब २७ किमी लम्बे मार्ग पर ९० मीटर चौड़ा कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस रास्ते पर आने वाले ब्रिज और जंक्शन इंटरसेक्शंस के साथ ही पानी, ड्रेनेज आदि की सुविधाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। आउटर रिंगरोड के निर्माण से ४३ गांव प्रभावित होंगे, जिनमें १६ गांव मनपा की हद के हैं और शेष २७ गांव सूडा विस्तार के हैं। आउटर रिंगरोड की जद में आने वाले गांवों की कृषि भूमि को आवासीय भूमि में कन्वर्ट किया जाएगा। आउटर रिंगरोड के दोनों ओर ५००-५०० मीटर जमीन को भी आवासीय घोषित किया जाएगा।
यह होगा लाभ
हजीरा और एनएच-आठ पर पलसाणा के उद्योगों को बाईपास रास्ता मिलेगा।
सूरत और नवसारी के आवासीय एवं व्यावसायिक क्षेत्रों को नजदीकी लिंक मिलेगा।
हजीरा जाने वाले हैवी ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सकेगा।
जरूरतों के हिसाब से तैयार होगा रिंग रोड
आउटर रिंगरोड को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से समयबद्ध चरण में तैयार किया जाना प्रस्तावित है। शुरुआत में महज २० मीटर चौड़ी रिंगरोड को तैयार करने की योजना है, लेकिन पूरे ९० मीटर चौड़े रास्ते की योजना पहले ही तय हो जाएगी। पूरे २७ किमी लम्बे रास्ते पर आउटर रिंगरोड के दोनों ओर ५००-५०० मीटर चौड़ा पट्टा अल्ट्रा पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। यह पूरा क्षेत्र आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित रहेगा, जिसके लिए कृषि भूमि को कन्वर्ट किया जाना प्रस्तावित है।