अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढऩे से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। तेल पर टैक्स लगाकार मुनाफा कमाने का आरोप लगाने वालों को समझना चाहिए कि इससे मिली राशि लोगों के विकास पर खर्च हो रही है। यूपीए सरकार ने 10 साल के शासन में अर्थव्यवस्था का जो बंटाधार किया था, उसे संतुलित करने के लिए भी पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम नहीं कर पा रहे हैं।
विट्ठल पटेल, उपाध्यक्ष वापी नपा।
2014 तक पेट्रोलियम पदार्थों में कमी का बात करने वाले अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में गिरावट के बाद भी महंगा तेल बेच रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम एक समान पहुंच गए हैं। डीजल का उपयोग किसानों से लेकर क्षेत्र के मछुआरे करते हैं। ़मालवाहक वाहनों में डीजल का उपयोग होता है। आसमान छूते तेल के दाम से मालभाड़ा में वृद्धि का असर जरूरी वस्तुओं को महंगा कर रहा है। डीजल में 15 और पेट्रोल में 10 रुपए कम करना चाहिए। यह सरकार रिलायंस जैसे उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए तेल और गैस के दाम बढ़ा रही है। इस तरह सरकार कंपनियों के हित में काम कर रही है, मानो वह देश को रिलायंस इंडिया बनाने पर तुली है।
राकेश राय, तहसील पंचायत सदस्य, उमरगाम
कुछ साल तक तेल के दाम बढऩे पर चिल्लाने वाली पार्टी में पेट्रोल और डीजल के दाम जिस स्तर पर पहुंच गए हैं उससे वाहन चालकों के माथे पर पसीना आ रहा है। इसे देखते हुए सरकार को लोगों के लिए साइकिल वितरित करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड का दाम कम होने पर भी सरकार मुनाफा कमाने के लिए देश में महंगा तेल बेच रही है।
रोशनलाल जोशी, ब्राह्मण
लगातार तेल के दाम बढऩे से बच्चे के स्कूटी से आने जाने पर रोक लगाने की नौबत आ गई और स्कूटी रखवा दी है। सरकार को तेल कंपनियों के मुनाफे की ज्यादा पड़ी है, लेकिन तेल के दाम से लोगों का निकल रहा दम वह नहीं देख रही है। इस तरह सरकार के मंत्री और नेता तेल की बढ़ती कीमत को जायज ठहराने के लिए मनगढंत तर्क देते हैं, उससे गुस्सा और बढ़ता है।
अनिल प्रजापति, टेलर
पेट्रोल 80 और डीजल 76 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचने पर भी सरकार का न जागना लोगों के प्रति उसकी संवेदनहीनता का परिचायक है। सरकार को याद रखना चाहिए कि महंगाई से परेशान होकर ही लोगों ने इन्हें पसंद किया था, लेकिन महंगाई के मोर्च पर लोगों की उम्मीद पर यह सरकार असफल रही।
धर्मेन्द्र पांडेय, अभिकर्ता