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रो-रो सर्विस से ट्रांसपोर्टरों को होगा फायदा

locationसूरतPublished: Sep 22, 2018 08:59:57 pm

पहले फेरे में 50 ट्रक लेकर ट्रेन कोंकण रेलवे के लिए रवाना

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रो-रो सर्विस से ट्रांसपोर्टरों को होगा फायदा

वापी. पश्चिम रेलवे ने 20 सितंबर से माल सामान परिवहन के लिए नया प्रोजेक्ट शुरु किया है। इसके अंतर्गत शनिवार को वापी से सटे करमबेला गुड्स यार्ड से कोंकण रेलवे के सूरतकल गुड्स यार्ड के लिए माल सामान लेकर 50 ट्रकों को रेलवे रैक पर भेजा गया। पश्चिम रेलवे के इस नए प्रयोग से ट्रक मालिकों को डीजल की महंगाई से राहत मिलेगी और माल परिवहन भी सुरक्षित होगा।
जानकारी के अनुसार पश्चिम रेलवे द्वारा पहली बार कमर्शियल सर्विस शुरु की गई है। रोल ओन रोल ऑफ अर्थात रो-रो सर्विस वापी से बंगलुरु तरफ माल सामान की हेरफेर अब रेलवे अपनी ट्रेन के रैक पर करेगी। एक साथ 50 ट्रकों को करमबेला गुड्स यार्ड से ट्रेन पर लादकर कोंकण रेलवे के रोहा और सूरतकल के लिए भेजा गया।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसकी शुरुआत दो दिन पहले गुरुवार को कर्नाटक मेंकोंकण रेलवे के सूरतकल गुड्स शेड से की गई। वहां से 25 ट्रक लेकर ट्रेन शनिवार शाम करमबेला पहुंची थी। इससे रेलवे को 1.81 लाख हालेज चार्ज प्राप्त हुआ था। जिसके बाद शनिवार को करमबेला गुड्स यार्ड से 50 ट्रक बंगलुरु के लिए भेजे गए।
बताया गया है कि इस सेवा से सडक़ मार्गों का ट्रैफिक भी काफी कम होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह सर्विस पश्चिम और कोंकण रेलवे का संयुक्त साहस है। बताया गया है कि इस सेवा से रेलवे की कमाई के साथ ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों को भी कई फायदे होंगे।
ट्रांसपोर्ट उद्योग को होगा लाभ

इस बारे में वापी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत ठक्कर ने कहा कि रेलवे की इस सेवा से ट्रांसपोर्ट उद्योग को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि रोजाना वापी से एक हजार से ज्यादा ट्रक दक्षिण भारत की ओर जाते हैं। इसमें डीजल का खर्च ही 24 हजार रुपए तक आता है, जबकि रेलवे अभी सिर्फ 17 हजार रुपए में ही यह सर्विस दे रही है। इससे उद्योगों को लाभ होगा और माल परिवहन भी सुरक्षित रहेगा। ट्रांसपोर्ट उद्योग रो-रो सर्विस से ही दक्षिण भारत में माल भेजने को तरजीह देगा। गौरतलब है कि अभी रेलवे ने यहां से एक ट्रेन की सेवा शुरू की है, लेकिन आगामी दिनो में कम से कम पांच ट्रेनों को यहां से दौड़ाए जाने की योजना है।
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